West Bengal : ईडी खुलासा- बांग्लादेश और दुबई से जुड़े हैं हवाला कारोबारियों के तार
इनामुल हक के ठिकानों पर छापामारी में जब्त दस्तावेज से हुआ खुलासा-मवेशी तस्करी चावल और प्याज निर्यात के नाम पर होता था अवैध लेनदेन
कोलकाता, जागरण संवाददाता। भारत-बांग्लादेश सीमा और अन्य स्थानों पर सक्रिय कथित मवेशी तस्कर से जुड़े एक दर्जन से अधिक परिसरों में छापामारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दुबई और बांग्लादेश में निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत की गई कार्रवाई में तकरीबन 13.5 लाख रुपये नकद जब्त भी किए गए। मंगलवार को एजेंसी ने इसकी सूचना दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि जेएचएम समूह के तीन भाइयों मोहम्मद जहांगीर आलम, मोहम्मद हुमायूं कबीर और मोहम्मद मेहंदी हसनीन के कुख्यात हवाला गिरोह एनामुल हक और अन्य हवाला कारोबारियों के बीच संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। ये कथित अवैध लेनदेन मवेशी तस्करी, चावल और प्याज के निर्यात से संबंधित थे, जो बांग्लादेश और दुबई में निवेश करते थे।
बता दें कि एक कथित हवाला रैकेट की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता समेत 11 स्थानों पर छापेमारी कर तलाशी अभियान चलाया था। इसमें पशु तस्कर एवं हवाला कारोबारी के ठिकाने से कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए थे। इसी दस्तावेज की जांच में इसका खुलासा हुआ। गौरतलब है कि सोमवार को कोलकाता के बेंटिक स्ट्रीट, एमजी रोड, चाइबर रोड समेत हावड़ा और उत्तर 24 परगना जिले के राजारहाट समेत 11 स्थानों पर छापेमारी की थी।
टीमों ने हवाला कारोबार से जुड़े होने एवं उनकी शेल कंपनियों पर संदेह के आधार पर कोलकाता के कई नामी व्यापारियों, पुश तस्कर एवं हवाला कारोबारी मोहम्मद इनामुल हक के ठिकानों और बीएसएफ के पूर्व अधिकारी जीबी डी मैथ्यू के आवास पर तलाशी अभियान चलाया था। ईडी ने इनामुल के ठिकाने से कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे।
ईडी को आशंका है कि हवाला के रुपये भारत विरोधी कार्यो में इस्तेमाल किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 से ही ईडी की नजर कोलकाता में हवाला नेटवर्क के ऊपर है। हवाला के जरिए रुपये कहां-कहां जाते हैं और रुपये भेजने का तरीका क्या है इसकी भी जानकारी जुटा रहे थे। इसके अलावा दिसंबर 2017 में केरल के पास ट्रेन से 45 लाख की नगदी के साथ गिरफ्तार होने के बाद बीएसएफ का पूर्व अधिकारी मैथ्यू रडार में आ गया था। मैथ्यू को बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बीएसएफ की 83वीं बटालियन के कमांडेंट के रूप में तैनात किया गया था। जांच में मैथ्यू के साथ पशु तस्कर इनामुल के रिश्ते का खुलासा हुआ था।