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West Bengal :दुर्गा प्रतिमाओं के मिलने लगे हैं ऑर्डर, मूर्तिकारों के चेहरे पर लौटी मुस्कान

कुम्हारटोली में गढ़नी शुरू हुईं दुर्गा प्रतिमाएं थीम प्रतिमाओं की इस बार बिल्कुल मांग नहीं कम बजट वालीं छोटी दुर्गा प्रतिमाओं को तरजीह दे रही हैं अधिकांश पूजा कमेटियां

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 02:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 02:13 PM (IST)
West Bengal :दुर्गा प्रतिमाओं के मिलने लगे हैं ऑर्डर, मूर्तिकारों के चेहरे पर लौटी मुस्कान

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में मूर्ति-निर्माण कला के केंद्रबिंदु कुम्हारटोली में आखिरकार दुर्गा प्रतिमाएं गढ़नी शुरू हो गई हैं, जिससे मूर्तिकारों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। दुर्गा प्रतिमाओं के लिए आर्डर मिलने शुरू हो गए हैं। कई पूजा कमेटियों ने अग्रिम राशि का भी भुगतान कर दिया है। इस बार थीम प्रतिमाओं की बिल्कुल मांग नहीं है। कम बजट वाली दुर्गा प्रतिमाओं को ही पूजा आयोजक तरजीह दे रहे हैं।

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कुम्हारटोली में इस बार आठ फुट तक की दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण अधिक हो रहा है। कई प्रतिमाओं की ऊंचाई तो चार से पांच फुट तक है। गौरतलब है कि डेढ़-दो महीने पहले तक बंगाल की विश्व विख्यात दुर्गापूजा के आयोजन पर ही सवालिया निशान लगा हुआ था लेकिन रथपूजा बीतने के बाद प्रतिमाओं के लिए आर्डर मिलने शुरू हो गए हैं। बंगाल में वैसे भी रथपूजा के दिन मूर्तिकारों को दुर्गा प्रतिमाओं के लिए अग्रिम राशि का भुगतान करने की पुरानी परंपरा है।

ऑर्डर देने वाली बड़ी पूजा कमेटियों में संतोष मित्र स्क्वायर, संतोषपुर लेक पल्ली और बाबूबगान शामिल हैं। लॉकडाउन के समय जो कारीगर अपने घर चले गए थे, वे अब धीरे-धीरे कुम्हारटोली लौटने लगे हैं। मूर्तिकार मिंटू पाल ने बताया कि पिछले वर्षों की तरह इस बार बड़ी दुर्गा प्रतिमाओं के आर्डर नहीं हैं। पूजा कमेटियों का बजट भी बहुत कम है लेकिन फिर भी इस बात की राहत है कि कम से कम ऑर्डर तो मिल रहे हैं, वरना एक समय तो ऐसा लग रहा था कि इस बार दुर्गापूजा ही नहीं हो पाएगी।

मिंटू पाल ने विदेश भेजने के लिए भी कुछ मूर्तियां तैयार की हैं। उनकी एक प्रतिमा फ्रांस और दूसरी ऑस्ट्रिया जाएगी। मूर्तिकार चाइना पाल ने कहा-'आर्डर मिलने शुरू होने के बाद हम आशान्वित हैं कि आने वाले दिनों में हालात और बेहतर होंगे।

गौरतलब है कि कुम्हारटोली में 300 से ज्यादा मूर्तिकार और 1500 कारीगर हैं। लॉकडाउन और उस दौरान आए सुपर साइक्लोन 'एम्फन' से कुम्हारटोली के मूर्तिकारों को भारी नुकसान हो चुका है। 


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