बंगाल में कोरोना का प्लाजमा पद्धति से इलाज करने को होगा चिकित्सीय परीक्षण
बंगाल सरकार वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की साझेदारी में कोलकाता के कोरोना मरीजों का प्लाजमा पद्धति से इलाज करने के लिए चिकित्सीय परीक्षण शुरू करेगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल सरकार, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की साझेदारी में कोलकाता के कोरोना मरीजों का प्लाजमा पद्धति से इलाज करने के लिए चिकित्सीय परीक्षण शुरू करेगी। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने इस संयुक्त प्रयास को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय परीक्षण का उद्देश्य ठीक हो चुके कोविड-19 मरीज के प्लाजमा से अन्य संक्रमित मरीजों के इलाज पर होने वाले प्रभाव को समझना है। अधिकारी ने बताया कि परीक्षण बेलेघाट आइडी अस्पताल के नवनिर्मित गहन चिकित्सा ईकाई में अगले हफ्ते शुरू होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा,‘ बेलियाघाट आइटी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई लगभग तैयार हो गई है और प्लाजमा पद्धति से इलाज का चिकित्सीय परीक्षण अगले हफ्ते शुरू हो सकता है। अधिकारी के मुताबिक गहन चिकित्सा ईकाई में 16 बिस्तर हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षण के लिए सीएसआइआर ने धन मुहैया कराया और सहयोग दिया। इस परीक्षण में वरिष्ठ चिकित्सक जैसे योगीराज रॉय, बिश्वनाथ शर्मा बिस्वास और शेखर राजन पॉल आदि शामिल होंगे। इस इलाज पद्धति में कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति के खून से प्लाजमा निकाल कर उन संक्रमित व्यक्तियों को चढ़ाया जाता है जिनमें इस वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई है।
सीएसआइआर-सीएमईआरआइ के वैज्ञानिकों ने विकसित की सैनिटाइजर मशीनें
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के दुर्गापुर स्थित केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआइ) ने भवन के भीतरी हिस्सों को संक्रमण मुक्त(सैनिटाइज) करने के लिए छिड़काव करने की दो मशीनें विकसित की हैं। संस्थान के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि इन मशीनों का इस्तेमाल अस्पताल के वार्ड, बिस्तर, सतह, हाल और भवन के गलियारों को सूक्ष्म रोगाणुओं के संक्रमण से मुक्त करने के लिए किया जा सकता है। इन मशीनों को दो स्तरीय छिड़काव के लिए बनाया गया है और इनमें अलग-अलग स्टोरेज टैंक हैं। संस्थान के निदेशक हरीश हिरानी ने कहा कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश छिड़काव की मशीनों में एक स्टोरेज चेंबर होता है, लेकिन सीएमईआरआइ द्वारा विकसित बैटरी चालित (बीपीडीएस) और हवा के दाब पर आधारित (पीओएमआइडी) छिड़काव की मशीनों में दो चेंबर स्टोरेज है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक कोविड-19 संकट के बाद भी उपयोगी रहेगी।