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West Bengal Coronavirus Lockdown effect: कोलकाता के बड़ाबाजार के लिए फूल बन गए 'कांटे'!

West Bengal Coronavirus Lockdown effect मल्लिक घाट फूल बाजार में सोशल डिस्टेंसिंगकी जमकर उड़ रहीं धज्जियां आधी रात को विभिन्न जिलों से पहुंच रहे हैं फूल व्यवसायी और खरीदार

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 03:22 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 03:22 PM (IST)
West Bengal Coronavirus Lockdown effect: कोलकाता के बड़ाबाजार के लिए फूल बन गए 'कांटे'!

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। बड़ाबाजार के लिए फूल ही'कांटे' बन गए हैं। मल्लिक घाट फूल बाजार में रोजाना हो रही भारी भीड़ से यहां कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा पैदा हो गया है। बड़ाबाजार में पहले ही कोरोना के कई मामले सामने आ चुके हैं। यहां के कई इलाकों को कोलकाता पुलिस कंटेनमेंट जोन की सूची में भी डाल चुकी है। सरकार ने जब से फूलों की बिक्री को लॉकडाउन के दायरे से बाहर किया है, तब से एशिया के इस सबसे बड़े फूल बाजार में भारी भीड़ हो रही है।

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फूल बेचने और खरीदने वालों का हुजूम उमड़ रहा है। खरीद-बिक्री के क्रम में 'सोशल डिस्टेंसिंग' की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। पुलिस कर्मियों की तैनाती जरूर की गई है, लेकिन वे भी हालात संभालने में बेबस नजर आ रहे हैं। फिलहाल प्रात: 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक फूलों की खरीद-फरोख्त चल रही है, लेकिन फूल व्यवसायी और खरीदार रात ढाई-तीन बजे से ही पहुंच रहे हैं। मुख्यत: कोलकाता, हावड़ा, नदिया, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों के व्यवसायी यहां फूल बेचने आते हैं।नदिया जिले के राणाघाट से पहुंचे एक फूल व्यवसायी ने कहा-'फूल नहीं बेचेंगे तो खाएंगे कहां से?' सुरक्षा के नाम पर उसने इतना ही कहा-'हम लोग मास्क लगाकर फूल बेच रहे हैं।' खरीदारों में अधिकांश खुदरा फूल विक्रेता हैं, जो थोक भाव में यहां से फूल खरीदकर ले जाकर स्थानीय बाजारों में उन्हें बेचते हैं।

स्थानीय वाशिंदे फूल बाजार में हो रही भारी भीड़ से घबराए हुए हैं। मल्लिक घाट इलाके में रहने वाले बाबू राम ने बताया-'आज प्रात: चार बजे जब मैं सोकर उठा तो फूल बाजार में लोगों का हुजूम देखा। ऐसा नजारा यहां रोज देखने को मिल रहा है। फूल उत्पादक दोनों किनारे अपनी दुकानें सजाकर बैठते हैं और लोग एक-दूसरे से सटकर खरीदारी करते हैं। इतने बड़े फूल बाजार में प्रशासन की तरफ से कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है। मल्लिक घाट में दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां इस तरह से भीड़ होगी तो इलाके में ही नहीं, यहां से बहुतों जगह कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल जाएगा।'

बाजार सूत्रों ने बताया-'बुधवार और गुरुवार को मल्लिक घाट में सबसे ज्यादा भीड़ होती है, कारण, गुरुवार को बंगालियों के घरों में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। फूल व्यवसायी पहले की तुलना में कम आ रहे हैं लेकिन खरीदारों की संख्या काफी अधिक है।' गौर करने वाली बात यह है कि मल्लिक घाट में 2,000 से ज्यादा फूल व्यवसायी आते हैं और यहां 200 से अधिक स्टाल भी हैं। फिलहाल 500 के आसपास ही फूल व्यवसायी आ रहे हैं और सारे स्टाल भी अभी तक नहीं खुले हैं। मल्लिक घाट में मुख्य रूप से राणाघाट, कोलाघाट, बगनान से फूल व्यवसायी आते हैं। यहां विभिन्न रंगों के गेंदा फूल की सबसे ज्यादा बिक्री होती है। इसके अलावा रजनीगंधा, गुलाब, कमल, जवा, चंपा, चमेली समेत विभिन्न फूल भी खूब बिकते हैं।

मल्लिक घाट फूल बाजार की स्थापना 1855 में हुई थी। यह एशिया के सबसे पुराने फूल बाजारों में से भी एक है। फूल बाजार हुगली नदी के किनारे हावड़ा ब्रिज के पास स्ट्रांड बैंक रोड से फेयरली प्लेस और बीबीडी बाग तक फैला हुआ है। यहां से देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही यूरोप के कई देशों में भी फूलों की आपूर्ति होती है। 


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