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सोमेन मित्रा के निधन से बंगाल कांग्रेस में संकट, नए अध्यक्ष की तलाश को गोगोई पहुंचे कोलकाता

बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा की मृत्यु से पार्टी में न केवल एक गहरी शून्यता आ गई है बल्कि एक अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 04:40 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 07:45 PM (IST)
सोमेन मित्रा के निधन से बंगाल कांग्रेस में संकट, नए अध्यक्ष की तलाश को गोगोई पहुंचे कोलकाता
सोमेन मित्रा के निधन से बंगाल कांग्रेस में संकट, नए अध्यक्ष की तलाश को गोगोई पहुंचे कोलकाता

राज्य ब्यूरो,कोलकाताः बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा के निधन से पार्टी में न केवल एक गहरी शून्यता आ गई है, बल्कि एक अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है। क्योंकि,2021 विधानसभा चुनाव में सोमेन मित्रा के स्थान पर उत्तराधिकारी कौन होंगे यह बड़ा सवाल बन गया है। मित्रा ने गुरुवार तड़के कोलकाता के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 78 वर्ष थे। सूत्रों के अनुसार पार्टी में युवा तुर्कों की कमी ने नेतृत्व को मुट्ठी भर विकल्प के साथ छोड़ दिया है।

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वर्तमान में वरिष्ठता के संदर्भ में केवल तीन नेता हैं जिनमें राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष अब्दुल मन्नान। अधीर व प्रदीप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। यह संभावना नहीं है कि अधीर चौधरी राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे, क्योंकि वह पहले से ही लोकसभा में एक महत्वपूर्ण पद पर हैं। अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य दो संभावित विकल्प हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राज्यसभा सांसद के पास पहले से पीसीसी प्रमुख के रूप में कार्य करने का अनुभव है। देखा जाए क्या होता है।

पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी गौरव गोगोई गुरुवार की रात को कोलकाता पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के नामों को लेकर राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। पार्टी की बंगाल इकाई के पास पहले से ही अच्छे नेताओं की कमी है। संगठन में कोई ऐसा होनहार युवा नेता नहीं है, जो राज्य इकाई को संभाल कर संगठन मजबूती और एकजुट रख सके। कांग्रेस के संगठनात्मक या अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाने वाले अधिकांश कांग्रेस नेताओं ने पिछले दो दशकों में तृणमूल में शामिल हो चुके हैं, राज्य इकाई में एक शून्य छोड़ दिया है। मित्रा के नेतृत्व में बंगाल कांग्रेस ने सत्तारूढ़ तृणमूल और राज्य में तेजी से प्रभाव विस्तार करने वाली भाजपा को को टक्कर देने के लिए माकपा नीत वाममोर्चा के साथ गठबंधन किया।

मित्रा का नुकसान ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले वाम दलों के साथ समझ बनाकर राज्य के लोगों को तीसरा विकल्प प्रदान करने की कोशिश कर रही थी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जो भी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख का पदभार संभालेंगे उन्हें इस गठबंधन को आगे बढ़ाने की जरूरत होगी।

 

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