Mamata Banerjee: सीएम ने कहा, बर्दाश्त नहीं की जाएगी अधिकारियों की लाल फीताशाही
CM Mamata Banerjee. ममता ने विभिन्न विभागों के मंत्री सचिवों के साथ बैठक में कहा कि कार्यों को अनावश्यक रोक कर रखने की अधिकारियों की लाल फीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। CM Mamata Banerjee. अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनाव से पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विभिन्न विभागों के मंत्री, सचिवों के साथ बैठक में दो टूक कहा कि कार्यों को अनावश्यक रोक कर रखने की अधिकारियों की लाल फीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने प्रशासनिक अधिकारियों को लंबित फाइलों का जल्द निपटारा करने को कहा।
संचालित कार्यों की गति का जायजा लेने को लेकर राज्य सचिवालय नवान्न में बुलाई गई बैठक में विभिन्न विभागों के मंत्रियों के साथ मुख्य सचिव राजीव सिन्हा, अलग-अलग विभागों के सचिव उपस्थित थे। बैठक में कानून मंत्री मलय घटक, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी को मुख्यमंत्री की नाराजगी का सामना करना पड़ा। ममता बनर्जी ने राज्य में लंबित पड़े कानूनी मामले को लेकर कानून मंत्री मलय घटक को फटकार लगाई तो वहीं बुलबुल के दौरान पंचायतों का मुआयना करते वक्त लोगों से मिली शिकायत को लेकर पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी से जवाब तलब किया।
जानें, क्या है अधिकारियों के लिए दिशा निर्देश
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्य सचिव ने विभिन्न अधिकारियों के लिए कई दिशा निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक फाइलों को रोके रखना नहीं चलेगा। यह भी कहा कि एक ही फाइल एकाधिक अधिकारियों के पास भेजते रहने की प्रथा को बंद करना होगा, क्योंकि इधर-उधर फाइलों के घूमते रहने से समय की बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि बेहतर तरीका यह है कि फाइलों को हस्तानांतरित करने के बजाय अधिकारी किसी भी मामले को लेकर आमने-सामने बात करें।
मुख्यसचिव ने अधिकारियों को कहा कि यदि दफ्तर दो अलग-अलग जगहों पर है तो बेहतर होगा कि अधिकारी टेलीफोन से बात कर समस्या का निदान निकालें। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार के किसी विभाग को लेकर कोई पेंच फंसा हो तो इसे लेकर सीधे टेलीफोन से संपर्क किया जाना चाहिए। जमीन से संबंधित किसी मामले को लेकर सीधे मुख्यसचिव अथवा मुख्यमंत्री से बातचीत की जा सकती है।
मुख्यसचिव ने अधिकारियों को अधिक से अधिक आनलाइन काम करने पर जोर देने को कहा क्योंकि इससे फाइलों अथवा तथ्यों को खोजने में अधिक देरी नहीं होती है। सचिवालय की ओर से अधिकारियों को दो टूक कह दिया गया कि फाइलों को रोक कर रखना अथवा काम नहीं करने की इच्छा को अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा जिलास्तरीय बैठक की तर्ज पर ब्लॉक स्तरीय बैठक आयोजित करने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया।