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West Bengal Assembly Election 2021: कोयला व मवेशी तस्करी कांड में शामिल लोगों की सूची चुनाव आयोग को सौंपेगी सीबीआइ

बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें चुनावी दायित्व सौंपे जाने पर निष्पक्ष व स्वतंत्र तरीके से मतदान होने पर संदेह। सीबीआइ का कहना है कि चुनाव के समय ऐसे अधिकारियों पर कड़ी नजर रखने की जरुरत है वरना मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

By PRITI JHAEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 03:14 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 03:14 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: कोयला व मवेशी तस्करी कांड में शामिल लोगों की सूची चुनाव आयोग को सौंपेगी सीबीआइ
सीबीआइ कोयला व मवेशी तस्करी कांड में शामिल लोगों की सूची चुनाव आयोग को सौंपने की तैयारी कर रही है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीबीआइ कोयला व मवेशी तस्करी कांड में शामिल लोगों की सूची चुनाव आयोग को सौंपने की तैयारी कर रही है। सीबीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे बहुत से प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी हैं, जो कोयला व मवेशी तस्करी कांड से जुड़े हुए हैं। वे वर्तमान में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं और सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के भी करीबी हैं।

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पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें चुनावी दायित्व सौंपे जाने पर निष्पक्ष व स्वतंत्र तरीके से मतदान होने पर संदेह है इसलिए चुनाव आयोग को सतर्क करने के लिए उनके नामों की सूची सौंपी जाएगी। सीबीआइ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोयला व मवेशी तस्करी कांड में अब तक 19 आइपीएस अफसरों समेत 160 पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के नाम सामने आ चुके हैं।

सीबीआइ अब तक तीन आइपीएस समेत 12 पुलिस अधिकारियों को तलब कर चुकी है जबकि एक आइपीएस समेत तीन पुलिस इंस्पेक्टर ही पेश हुए हैं। सीबीआइ का कहना है कि इन प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के माध्यम से प्रभावशाली लोगों तक कोयला व मवेशी तस्करी का काला रुपया पहुंचाया जाता है। कांड के मुख्य आरोपित इनामुल हक, अनूप माजी व विनय मिश्रा अब तक उन प्रभावशाली लोगों को लाखों रुपये पहुंचा चुके हैं। कोयला व मवेशी की तस्करी वाले इलाकों में इन प्रभावशाली लोगों के इशारे पर पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की जाती थी ताकि इस गोरखधंधे को आसानी से अंजाम दिया जा सके।

सीबीआइ का कहना है कि चुनाव के समय ऐसे अधिकारियों पर कड़ी नजर रखने की जरुरत है, वरना वे मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। चुनाव आयोग सूची मिलने पर उन्हें लेकर अपने स्तर पर कदम उठा सकता है। 


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