विश्वभारती विवि हिंसा के विरोध में उतरे छात्र व शिक्षक
-विवि से रैली निकाल छात्रों व शिक्षकों ने किया प्रदर्शन -एसएफआइ ने हमले के लिए एबीवीपी को ठहरा
-विवि से रैली निकाल छात्रों व शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
-एसएफआइ ने हमले के लिए एबीवीपी को ठहराया था जिम्मेदार
-हमले के मामले में पुलिस ने दो लोगों को किया था गिरफ्तार
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जागरण संवाददाता, कोलकाता : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाद पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) के सदस्यों पर हमले के विरोध में छात्रों और शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। विवि परिसर से निकली इस रैली में छात्रों ने पोस्टर मार्च निकाल हिसा के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान छात्रों ने केंद्र सरकार और एबीवीपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर उपस्थित प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। हम छात्रों के साथ खड़े हैं। मार्च में शामिल शिक्षकों ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि छात्रों पर हमले की घटना से स्तब्ध करने वाली है। शिक्षण संस्थानों में हो रहे हिसा पर केंद्र सरकार को लगाम लगानी चाहिए। उच्च घटना की जांच होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि विश्वभारती विवि में छात्रों पर उस समय हमला किया गया जब वे सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बना रहे थे। इस घटना में छात्र संगठन के कुछ सदस्य जख्मी हो गए थे। जख्मी सदस्यों ने हमले के लिए भाजपा समर्थित छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं मामले की जांच कर रही पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
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हलमावरों से एबीवीपी का कोई संबंध नहीं
एबीवीपी के कथित छात्र नेता अचिंतो ने हमले में शामिल होने से इन्कार के बाद अब एबीवीपी के प्रदेश सचिव सप्तऋषि सरकार ने कहा है कि इस घटना और हमलावरों से एबीवीपी का कोई संबंध नहीं है। हमें बदनाम करने के लिए साजिश रची गई है। इससे पहले आरोपित अचिंतों ने भी कहा था कि एबीवीपी से उसका कोई संबंध नहीं है। वह तृणमूल काग्रेस का सदस्य है। इसके बाद तृणमूल ने साफ कर दिया था कि अचिंतो उसके दल का नहीं है। हमले के बाद से ही विवि परिसर में तनाव का माहौल है।