NIRF रैंकिंग में 50वें स्थान पर गिरा विश्वभारती विश्वविद्यालय, वीसी ने लिखा ओपन लैटर
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की हाल में जारी रैंकिंग में विश्व-भारती 50वें स्थान पर आया था जो पहले 37वें स्थान पर था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति(वीसी) बिद्युत चक्रवर्ती ने एक खुले पत्र में कहा है कि उनका केंद्रीय विश्वविद्यालय की एनआइआरएफ की रैंकिंग में स्थान बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप करने का कोई इरादा नहीं है। चक्रवर्ती ने कहा कि वह प्रत्येक हितधारक को विश्वविद्यालय के साथ जुड़ा हुआ महसूस कराना चाहते हैं और चाहते हैं कि सब आत्म निरीक्षण करें। यह पत्र मंगलवार को मीडिया को मुहैया कराया गया है। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की हाल में जारी रैंकिंग में विश्व-भारती 50वें स्थान पर आया था जो पहले 37वें स्थान पर था।
एनआइआरएफ की रैंकिंग जारी होने के बाद 19 जून को जारी पहले खुले पत्र में चक्रवर्ती ने कहा था कि विश्व भारती सभी - छात्र, शिक्षक, स्थानीय व्यवसायी, टोटो (ई-रिक्शा) चालक, पत्रकार और अन्य हितधारक- के लिए सोने के अंडे देने वाली बत्तख है। इस बत्तख को धीरे-धीरे मरने देने के बजाय इसकी देखभाल करना आवश्यक है। उनकी टिप्पणी पर छात्रों और संकाय सदस्यों के एक वर्ग ने विरोध जताया था। चक्रवर्ती ने इस पत्र में कहा कि मेरा पिछला पत्र न खुद का बचाव करने के लिए था, न मैं कुलपति के तौर पर अपनी जिम्मेदारी से बच रहा हूं।
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गुरु टैगोर के आदर्शों को साकार करना होगा
दूसरा पत्र बांग्ला भाषा में लिखा गया था और उसे विश्वविद्यालय "परिवार" के लिए दो दिन पहले जारी किया गया था। उन्होंने इस पत्र में कहा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि विश्व भारती हमारे अस्तित्व का हिस्सा कैसे है... मैं चाहूंगा कि सब आत्मनिरीक्षण करें... यह देखने के लिए जरूरी है कि क्या हम अपनी गतिविधियों में गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के आदर्शों को लागू करने और उन्हें साकार करने में सक्षम हैं। बाहरी लोगों के बीच विश्वविद्यालय के बारे में सही धारणा स्थापित करने के लिए, हमें सामूहिक रूप से इसके स्थापित सिद्धांतों से भटकाव को दूर करने की आवश्यकता है। चक्रवर्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय की इस साल की एनआइआरएफ रैंकिंग की वजह से लोगों के बीच विश्व भारती को लेकर "धारणा" बनी। अगर हम इस संबंध में सुधारात्मक उपाय करें तो हम (रैंकिंग में) बेहतर करेंगे, क्योंकि विश्व भारती ने अन्य मापदंडों पर बेहतर किया है।