Virtual Rally in TMCP : नीट व जेईई परीक्षा पर ममता का फिर निशाना, कहा- केंद्र छात्रों की जान जोखिम में डाल रहा है
Virtual Rally in TMCP नीट व जेईई परीक्षा के खिलाफ बंगाल सहित छह राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका। ममता ने कहा केंद्र मन की बात सुनने के बजाय उपदेश देने में व्यस्त है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सितंबर में नीट व जेईई परीक्षा आयोजित करने के फैसले को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने पर अड़े रहकर केंद्र छात्रों की जान जोखिम में डाल रहा है और यह रवैया कोविड-19 संकट को और बढ़ाएगा।
तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के स्थापना दिवस पर एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि हम किसी भी परीक्षा के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि महामारी फैली हुई है और यह छात्रों की जान को जोखिम में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि हमने महामारी के कारण केंद्र सरकार से इसे स्थगित करने का आग्रह किया लेकिन केंद्र अपने फैसले पर अड़ी हुई है। केंद्र छात्रों के मन की बात सुनने के बजाय उपदेश देने में व्यस्त है।
बंगाल सहित 6 राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है
ममता ने कहा कि हाल में गैर भाजपा शासित राज्यों के सात-आठ मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इसमें निर्णय लिया था कि छात्रों की ओर से हम सब मिलकर परीक्षा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा के लिए अपील दायर करेंगे। इसके अनुसार, बंगाल सहित 6 राज्यों के मंत्रियों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर कोविड- 19 महामारी के बावजूद केंद्र को नीट और जेईई की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति देने के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है।
बंगाल सरकार अक्टूबर में अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने पर कर रही विचार
इस दौरान ममता ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अक्टूबर में दुर्गा पूजा से पहले कॉलेजों और विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने के फायदे और नुकसान पर विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने शिक्षा मंत्री से कहा है कि अक्टूबर में दुर्गा पूजा से पहले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने की संभावना पर गौर करें। ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा दोनों के विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।'
महामारी फैली हुई है और परीक्षा छात्रों की जान को जोखिम में डाल सकती : ममता
ममता ने जोर देकर कहा कि हम किसी भी परीक्षा के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि महामारी फैली हुई है और यह छात्रों की जान को जोखिम में डाल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आज दिन में फैसला सुनाया कि राज्य और विश्वविद्यालय 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते। न्यायालय ने कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि वह 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है, तो उसे नई तारीखों के लिए यूजीसी से संपर्क करना होगा।
16 सितंबर को किसानों के मुद्दे पर तृणमूल खेतों में खड़े होकर करेगी विरोध प्रदर्शन
इसके साथ ही ममता ने घोषणा की कि आगामी 16 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस किसानों के साथ केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में खेतों में खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करेगी। सीएम ने कहा, 'मैं भी कुछ गांवों में कार्यक्रम में शामिल होऊंगी।' पूरे राज्य भर में तृणमूल नेताओं व कार्यकर्ताओं से उन्होंने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खेतों में खड़े होकर विरोध करने का आह्वान किया।