कोलकाता में बन रहा देश का दूसरा विदेश भवन
- अगले दो वर्षो में बनकर तैयार हो जाएगा यह भवन - महानगर में एक ही छत के नीचे होंगे ि
- अगले दो वर्षो में बनकर तैयार हो जाएगा यह भवन
- महानगर में एक ही छत के नीचे होंगे विदेश मंत्रालय के सभी कार्यालय
- प्रभावी ढ़ंग से काम होने के साथ एक ही जगह पर लोगों को मिलेगी सभी सुविधाएं
राजीव कुमार झा, कोलकाता : मुंबई के बाद कोलकाता में देश का दूसरा विदेश भवन बनने जा रहा है। कोलकाता के न्यूटाउन- राजारहाट में करीब एक एकड़ भूखंड पर यह भवन बनेगा। विदेश भवन में कोलकाता में स्थित विदेश मंत्रालय के सभी कार्यालय एक ही छत के नीचे होंगे और यह एकीकृत परिसर का काम करेगा। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, कोलकाता (पश्चिम बंगाल, सिक्किम व त्रिपुरा) बिभूति भूषण कुमार ने बताया कि विदेश भवन के लिए बाउंड्री (दीवाल) का काम पूरा हो चुका है और भवन के नक्शे को भी मंजूरी मिल चुकी है। सीपीडब्ल्यूडी ने भवन निर्माण के लिए पहला टेंडर भी जारी कर दिया है। अगले तीन-चार महीने में भवन निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले दो-तीन वर्षो में विदेश भवन पूरी तरह बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है।
कुमार ने बताया, विदेश भवन के बनने से एक ही छत के नीचे कोलकाता में विदेश मंत्रालय के सभी कार्यालय आ जाएंगे। वर्तमान में कोलकाता में विदेश मंत्रालय के चार कार्यालय हैं, जिनमें क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ), प्रवासी संरक्षक कार्यालय (पीओई), ब्रांच सेक्रेटेरिएट और आइसीसीआर का क्षेत्रीय निदेशक का कार्यालय है। अभी ये सभी कार्यालय कोलकाता के अलग-अलग हिस्सों में हैं। कुमार ने बताया कि इनमें सिर्फ आइसीसीआर का अपना विशाल भवन है, इसलिए इसको छोड़कर बाकी तीन कार्यालय विदेश भवन में एक जगह शिफ्ट हो जाएगा। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि सभी कार्यालयों के एक ही स्थान से संचालित होने से प्रभावी ढंग से काम हो सकेगा और एक ही जगह पर आम लोगों को सभी सुविधाएं मिलेगी। यहां विदेश मंत्रालय से संबंधित हर काम होंगे। उन्होंने बताया कि विदेश भवन छह मंजिला होगा और यह कार्यालय सह आवासीय कांप्लेक्स होगा। यानी कार्यालयों के अलावा अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए इसमें आवास भी होगा। कुमार ने बताया कि पहला विदेश भवन मुंबई में बना था, जिसका उद्घाटन अगस्त, 2017 में हुआ था। हैदराबाद में भी विदेश भवन बन रहा है। उन्होंने बताया कि कोलकाता में विदेश भवन बनाने की मंजूरी 2016 में ही मिली थी और इसपर काम शुरू हुआ था। राज्य सरकार के साथ जमीन की खरीदारी आदि की प्रक्रिया में वक्ता लगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की देश के हर राज्य की राजधानी में विदेश भवन बनाने की योजना है।