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कोलकाता में चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीडि़ता दर्ज कराएगी बयान

कोलकाता में ओल्ड एज होम के सामने से एक महिला का टैक्सी में किडनैप करके सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में आज पीडि़ता अदालत में अपना बयान दर्ज कराएगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 04:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 04:40 PM (IST)
कोलकाता में चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीडि़ता दर्ज कराएगी बयान
कोलकाता में चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीडि़ता दर्ज कराएगी बयान

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोलकाता के पंचशायर इलाके में ओल्ड एज होम के सामने से एक महिला का टैक्सी में किडनैप करके सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में आज पीडि़ता अदालत में अपना बयान दर्ज कराएगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीडि़ता मानसिक रूप से बीमार है। इसके कारण बयान दर्ज कराने के दौरान एक मनोचिकित्सक वहां मौजूद रहेगा। अदालत से इसकी अनुमति पहले ही ले ली गई है। अदालत में पीड़िता जो बयान दर्ज कराएगी उसी के मुताबिक जांच मोड़ लेगी।

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दुष्कर्म की शिकार पीड़िता को कोई सुरक्षा नहीं दी गई: महिला आयोग

राष्ट्रीय महिला आयोग के जांच दल ने कोलकाता में पिछले हफ्ते कथित रूप से अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई मानसिक रूप से बीमार महिला की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जांच दल ने कहा है कि पीड़िता को अभी तक कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। घटना के समय पीड़िता कोलकाता के पंचशायर इलाके में मानसिक रूप से निशक्त महिलाओं के लिए बने आश्रय गृह (होम) में रह रही थी।

आयोग का कहना है कि आश्रय गृह के संचालन में भी अनियमितताएं पाई गई है। कोलकाता पहुंचकर 38 वर्षीय पीड़िता से मुलाकात करने वाले जांच दल ने कहा कि घटना के बाद महिला को जिस वृद्धाश्रम में भेजा गया है उसका संचालन भी उसी आश्रय गृह का मालिक कर रहा है। जांच दल के अनुसार, पीड़िता और उसकी मां को बिना उचित दस्तावेजीकरण के आश्रय गृह में रखा गया था। दरअसल, महिला आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी की अगुवाई में जांच कमेटी का गठन किया था। गौरतलब है कि महिला ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि बीते 11 नवंबर की रात में जब वह टहलने के लिए आश्रय गृह के बाहर निकली थी, तभी वहां के सड़क पर मौजूद कुछ लोग उसे जबरन कार में बैठाकर ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उन्होंने यह भी कहा कि उसे पीटा गया और तड़के सोनारपुर इलाके में उसे गाड़ी से नीचे धकेल दिया गया।

आयोग ने यहां का दौरा करने के बाद सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घटना के दो दिन बाद पीड़िता की मां की आश्रय गृह में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। हालांकि उनकी मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया गया है लेकिन अभी मेडिकल रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता को अभी तक कोई सुरक्षा नहीं दी गई है और उसे उसी आश्रय गृह के मालिक द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में भेज दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बंगाल में पूरी व्यवस्था में कई खामियां दिखाई पड़ती है। जब पीड़िता की बहन शिकायत दर्ज कराने गई तो थाने में कोई महिला पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थी। साथ ही यह भी कहा गया है कि शहर में निजी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृहों की निगरानी या ऑडिट नहीं हुआ है। जांच दल ने संयुक्त आयुक्त को पीड़िता को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने और मुआवजा देने के लिए कहा है। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने शनिवार को एक टैक्सी ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। आयोग की टीम ने बीते शुक्रवार को पीड़िता से मुलाकात की थी और इसके बाद लालबाजार पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों से बात की थी। दूसरी ओर, पुलिस का कहना था कि महिला गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ित है। फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं है कि उसे जबरन अगवा किया गया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है।


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