Move to Jagran APP

वैक्सीन घोटाला: ममता बनर्जी ने कहा- सरकार की कोई भूमिका नहीं, आरोपितों को आतंकी से भी ज्यादा खतरनाक बताया

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस सरकार की कोई भूमिका नहीं है और उन्होंने भाजपा द्वारा इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग को भी खारिज किया।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 09:51 AM (IST)
वैक्सीन घोटाला: ममता बनर्जी ने कहा- सरकार की कोई भूमिका नहीं, आरोपितों को आतंकी से भी ज्यादा खतरनाक बताया
फर्जी टीकाकरण: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने के आरोप में कोलकाता से हाल में गिरफ्तार देबांजन देब को किसी आतंकवादी से अधिक खतरनाक करार देते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को देब के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

loksabha election banner

ममता ने कहा कि फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले में तृणमूल कांग्रेस सरकार की कोई भूमिका नहीं है और उन्होंने भाजपा द्वारा इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग को भी खारिज किया। गौरतलब है कि फर्जी आइएएस अधिकारी देब को कोविड-19 टीका शिविर आयोजित करने के आरोप में पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था, जहां लोगों को फर्जी कोविड-19 टीके लगाये गए थे।

गौरतलब है कि देब को कुछ दिन पहले स्वयं को कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के रूप में पेश करने और कसबा इलाके में एक फर्जी टीकाकरण शिविर संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहां अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद मिमी चक्रवर्ती ने भी टीका लगवाया था। उसके तीन सहयोगियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके खिलाफ आइपीसी की अन्य धाराओं के साथ हत्या के प्रयास के आरोप को लेकर भी मामला दर्ज किया है।

फर्जी आइएएस देबांजन से धोखाधड़ी की शिकायत को लेकर पूछताछ की गई थी: पुलिस

उधर, फर्जी टीकाकरण शिविर लगाने के मामले में गिरफ्तार किए गए फर्जी आइएएस अधिकारी देबांजन देब से पिछले साल नौकरी के संबंध में धोखाधड़ी की शिकायत पर भी बिधाननगर पुलिस ने पूछताछ की थी। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि उस समय देब के परिवार ने पाया कि वह आइएएस अधिकारी नहीं है।

पुलिस अधिकारी ने बताया, "पिछले साल मार्च में, देब से इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स थाना में पूछताछ की गई थी, जब उसके खिलाफ नौकरी के संबंध में धोखाधड़ी के प्रयास की मौखिक शिकायत की गई थी।" उन्होंने बताया कि इस बीच, टीकाकरण शिविर मामले की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि पिछले साल सितंबर और अक्टूबर के बीच, देब ने कसबा इलाके में एक कमरा किराए पर लिया और इसे अपने कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया, "वह 65,000 रुपये का मासिक किराया दे रहा था।" अधिकारी ने बताया कि देब ने एक आइएएस अधिकारी के रूप में एक छापा भी मारा और उसकी तस्वीर के साथ इसकी रिपोर्ट एक समाचार पत्र में प्रकाशित की गई थी।

उन्होंने बताया कि कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग की एक टीम ने आनंदपुर में देब के घर पर छापा मारा और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कई मुहर और जाली दस्तावेज जब्त किए। अधिकारी ने कहा, "देब के पिता पृथकवास में हैं क्योंकि वह कोविड-19 से पीड़ित हैं। हमने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के लोगो के साथ कई फर्जी दस्तावेज और कुछ मुहरें जब्त की हैं। हमने तीन डेबिट कार्ड और बैंक पासबुक भी जब्त की गई हैं।" 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.