हिंदी दिवस की बधाई देने पर ममता बनर्जी को यूजर्स ने किया ट्रोल, कहा- हिंदी थोपना बंद कीजिए
हिन्दी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। चुनाव के दिन नजदीक आते देख ममता बनर्जी सभी वोटरों को साधने में जुट गई है। ममता बनर्जी का ध्यान हिंदी भाषी मतदाओं पर भी है। क्योंकि भवानीपुर में 40 फीसदी गैर-बंगाली मतदाता है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से हारने के बाद ममता बनर्जी विधानसभा उपचुनाव में भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। 30 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के दिन नजदीक आते देख ममता बनर्जी सभी वोटरों को साधने में जुट गई है। ममता बनर्जी का ध्यान हिंदी भाषी मतदाओं पर भी है। क्योंकि भवानीपुर में 40 फीसदी गैर-बंगाली मतदाता है।
ममता बनर्जी ने भवानीपुर चुनाव को देखते हुए मंगलवार को देशवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों एवं हिन्दी भाषा के विकास में अपना योगदान दे रहे सभी भाषाविदों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’ हिन्दी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इसलिए ही इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। ममता बनर्जी के इस ट्वीट को कहीं न कहीं भवानीपुर में हिंदी भाषी मतदाताओं को लुभाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने इस सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय को उम्मीदवार बनाया था। चट्टोपाध्याय 28 हजार से अधिक वोटों से विजयी भी हुए थे लेकिन कुछ वार्डों जहां पर हिंदी भाषी लोग रहते थे वहां वो पिछड़ गए थे। ऐसे में ममता बनर्जी अपने इस चुनाव में किसी भी प्रकार की गलती नहीं करना चाहती हैं जिससे की उनकी जीत प्रभावित हो। इसी को ध्यान में रखते ममता बनर्जी भवानीपुर में हिंदी भाषी वोटरों को भी अपनी तफर मोड़ने के प्रयास में जुटी हुई है। परंपरागत रूप से देखे तो हिंदी भाषियों का एक बड़ा वर्ग हो जो कि बीजेपी को सपोर्ट करता है।
बीजेपी ने प्रियंका टिबरेला को मैदान में उतारा है
विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने इस सीट से अभिनेता रुदानिल घोष को मैदान में उतारा था, लेकिन उपचुनाव में भाजपा ने प्रियंका टिबरेवाल को चुनाव लड़ा रही है। विधानसभा चुनाव में बंगाली वोटरों और बाहरी वोटरों का मुद्दा गरमाया था। ऐसे में हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी में ट्वीट पार्टी सपोर्टरो को पच भी नहीं रही है। ममता बनर्जी के ट्वीट पर उनकी पार्टी के कई समर्थकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन पर हिंदी थोपना बंद करो।
सपोर्टर बोले हम पर हिंदी थोपना बंद करो
ममता ट्वीट पर ऐसे कई यूजर्स के कमेंट भी आए हैं। जिसमें एआईटीसी नाम के एक सपोर्टर ने लिखा है कि आप उन्हें कितना भी मक्खन लगा लें, वे हमेसा आपके खिलाफ रहेंगे। आपने जिस भी भाषा में ट्वीट किया है, इस ट्वीट से हकीकत नहीं बदलेगी। अगली बार फिर से सोचें जब आप ‘बांग्ला निजेर में के चाई’ कहकर वोट मांगें। अगर आप हमारे वोट चाहते हैं तो बीजेपी की तरह व्यवहार करना बंद करें।
वहीं, एक अन्य यूजर्स ने लिखा है मां हम पर हिंदी मत थोपिए। एक अन्य यूजर्स ने लिखा कि आप बंगाल की सीएम हैं। आपने जिस भाषा में ट्वीट किया है, वह बंगाल के 86 फीसदी लोग नहीं सकझते हैं। क्या बांग्ला दिवस हिंदी पट्टी में मनाया जाता है? कितने हिंदी भाषी 21 फरवरी को इसे मनाते हैं? हिंदी थोपना बंद कीजिए।