Nirmala Sitharaman In Kolkata: उद्योग जगत के संपर्क में रहना चाहती है सरकार: वित्त मंत्री
Nirmala Sitharaman In Kolkata. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार उद्यमियों औ व्यवसायियों से निरंतर संवाद रखना चाहती है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। Nirmala Sitharaman In Kolkata: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार उद्योगों और कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है तथा करों के भुगतान को सहज बनाने के लिए उनकी सहायता करेगी। सीतारमण यहां व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यह संदेश स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार उद्यमियों औ व्यवसायियों से निरंतर संवाद रखना चाहती है। मैं यहां देश के अंदर और बाहर की दुनिया की घटनाओं के कारण यहां नहीं आयी हूं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कर मामलों में अपील करने तथा कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने पेश होने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। और यह नई तकनीक से ही संभव है। उन्होंने कहा कि पिछले कई साल हमें बेकार कानूनों को हटाने में लगे। यह सरकार को बजट में किये गये वादों को पूरा करने में मदद करेगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मुद्दों पर केंद्रीय वित्त ने स्पष्ट किया कि दरें कम करने की प्रक्रिया शुरू करना केंद्र की जिम्मेदारी नहीं है। इसके लिए राज्यों के मंत्रियों को भी मामले उठाने चाहिए। टी बोर्ड के अध्यक्ष पीके बेजबरुआ ने उनके सामने पश्चिम बंगाल और असम के चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम की कमी का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बिना नकदी के मेहनताने का भुगतान समस्या बन रहा है। मैं जानती हूं कि चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम कम हैं। सरकार एटीएम लगाने को तैयार है।
मौके पर उपस्थित वित्त सचिव राजीव कुमार ने व्यवसायिक ऋण वितरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कारोबार में असली असफलता और धोखाधड़ी के बीच फर्क करने के लिये एक समिति गठित की है।
उद्योगपतियों ने की वित्त मंत्री से मुलाकात
इस दौरान शहर के उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बजट में उठाए गए साहसिक कदम के लिए केंद्र की सराहना की। साथ ही कुछ बजटीय घोषणाओं पर चिंताएं भी व्यक्त की।
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के महानिदेशक राजीव सिंह ने बैठक के बाद कहा कि हमारी चर्चा सरकार द्वारा उठाए गए बड़े बुनियादी ढांचे की योजना, एलआईसी में विनिवेश, कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने जैसे साहसिक उपायों पर केंद्रित थी।
प्रतिनिधिमंडल ने लाभांश वितरण कर (डीडीटी), एनपीए नियमों, खुदरा क्षेत्र के लिए कई अनुमोदन, निर्यात एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) विशेष रूप से श्रम गहन उद्योग और रियल एस्टेट क्षेत्र के मुद्दों पर कुछ सुझाव दिए। वित्त मंत्री ने उद्योगपतियों के सुझावों को सुना है और उस पर आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।