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Amit Shah Bengal Visit: बंगाल में आदिवासी के घर पहुंचे अमित शाह, केले के पत्ते पर किया भोजन

केंद्रीय गृह मंत्री को भोजन में भात दाल पोस्तो चटनी के साथ बंगाल के प्रसिद्ध रसगुल्ले व मिष्टि दही‌ परोसा गया। बांकुड़ा के बाद शाह शुक्रवार को कोलकाता के राजारहाट में एक मतुआ समुदाय के व्यक्ति के घर भोजन करेंगे।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 04:48 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 04:48 PM (IST)
Amit Shah Bengal Visit: बंगाल में आदिवासी के घर पहुंचे अमित शाह, केले के पत्ते पर किया भोजन
आदिवासी परिवार ने शाह के स्वागत के लिए विशेष तैयारी की है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह बांकुड़ा जिले में सांगठनिक बैठक के बाद इस समय एक आदिवासी के घर पहुंच गए हैं। बांकुड़ा के चतुरडीह गांव में वे इस समय आदिवासी समुदाय के विभीषण हांसदा के घर में दोपहर का भोजन कर रहे हैं। अमित शाह के साथ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष सहित अन्य नेता भी हैं।

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आदिवासी परिवार ने शाह के स्वागत के लिए विशेष तैयारी की है

शाह के साथ ये सभी नेता भोजन कर रहे हैं। आदिवासी परिवार ने शाह के स्वागत के लिए विशेष तैयारी की है। गौर करने वाली बात यह है कि आज जब शाह बांकुरा में आदिवासी के घर भोजन कर रहे हैं उसी दिन राज्य सरकार ने नक्सलवाड़ी में 3 साल पहले जिस आदिवासी महिला के घर उन्होंने भोजन किया था उसे होमगार्ड में नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

राजारहाट में एक मतुआ समुदाय के व्यक्ति के घर भोजन करेंगे

 शाह को पारंपरिक केले के पत्ते पर भोजन परोसा गया है। शाह के भोजन के मेनू में भात, दाल, पोस्तो, चटनी, मिठाई सहित बंगाल की प्रसिद्ध मिष्टि दही है। बांकुड़ा के बाद शाह शुक्रवार को कोलकाता के राजारहाट में एक मतुआ समुदाय के व्यक्ति के घर भोजन करेंगे। वहां उनके मेनू में भात, रोटी, छोला व मूंग दाल, बैंगन भाजा, शुक्तो, चटनी और गुड़ का पायस शामिल होगा। 

बंगाल में पहले भी आदिवासी के घर भोजन कर चुके हैं शाह

गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब अमित शाह किसी गरीब की कुटिया में भोजन कर रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2017 में भी बतौर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान उत्तर बंगाल के नक्सलबाड़ी में एक आदिवासी व्यक्ति के घर भोजन किया था। हालांकि उसके अगले दिन ही उक्त आदिवासी परिवार तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया था। 


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