शाह के 200 सीटों के लक्ष्य व तृकां के बड़े नेताओं के भाजपा के संपर्क में होने के बयान से सियासी दलों में बेचैनी
West Bengal Politics तृणमूल कांग्रेस ने शाह के बयान को दिवास्वप्न करार दिया है तो माकपा तथा कांग्रेस ने इसे चुनावी चमक बताया है। शाह के दौरे और उनके दावों से यह भी साफ है कि पार्टी के लिए बंगाल विधानसभा चुनाव काफी अहमियत रखता है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : गत दिनों बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री तथा कद्दावर भाजपा नेता अमित शाह के बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 200 सीटों का लक्ष्य रखने तथा तृणमूल कांग्रेस कई बड़े नेताओं के भाजपा के संपर्क में होने के बयान से सत्ताधारी पार्टी में बेचैनी बढ़ गई है। एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस ने शाह के बयान को दिवास्वप्न करार दिया है, वहीं दूसरी तरफ माकपा तथा कांग्रेस ने इसे चुनावी चमक बताया है।
कांग्रेस और वाममोर्चा ने शाह का दावा हकीकत से परे बताया
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत राय ने कहा है कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं है। बंगाल में दो सौ सीटें जीतने का अमित शाह का दावा महज दिवास्वप्न है। तृणमूल कांग्रेस का कोई भी नेता भाजपा के संपर्क नहीं है। यह उनका ख्याली पुलाव है। अगले चुनावों के लिए हाथ मिलाने वाली कांग्रेस और वाममोर्चा ने भी शाह के दावे को हकीकत से परे बताया है।
जाति और धर्म के आधार पर राजनीति की परंपरा कभी नहीं
माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि भाजपा का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। जाति और धर्म के आधार पर राजनीति की परंपरा बंगाल में कभी नहीं रही है। कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा है कि यहां सांप्रदायिक राजनीति के सहारे सत्ता हासिल नहीं की जा सकती। शाह के दौरे और उनके दावों से यह भी साफ है कि पार्टी के लिए बंगाल विधानसभा चुनाव काफी अहमियत रखता है।
भाजपा अपनी मौजूदा सांगठनिक ताक़त के बूते लक्ष्य पाएगी
हालांकि अब यह भी सवाल उठने लगा है कि शाह का दावा हकीकत के कितने क़रीब है और क्या भाजपा अपनी मौजूदा सांगठनिक ताक़त के बूते इस लक्ष्य तक पहुंच सकेगी? दरअसल बंगाल के दौरे पर आए शाह ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य के 294 में से दो सौ सीटें जीतने का दावा किया है।