Move to Jagran APP

कोलकाता में गंगा के नीचे से यूं गुजरेगी अंडर वाटर मेट्रो, यहां जानिये इसकी खासियत

कोलकाता मेट्रो रेल कार्पोरेशन के आरएसएनपी डायरेक्टर सीएन झा ने बताया कि दिसंबर 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। नदी के नीचे टनल बनाने का काम पूरा हो गया है लेकिन 800 मीटर का मार्ग तैयार होना शेष है। महामारी की वजह से काम पिछड़ गया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 11:18 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 11:21 AM (IST)
कोलकाता में गंगा के नीचे से यूं गुजरेगी अंडर वाटर मेट्रो, यहां जानिये इसकी खासियत
अंडर वाटर और सामान्य मेट्रो से कितना अंतर है? कैसे संचालन होगा? क्या खासियत है?

कोलकाता, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ड्राइवरलेस मेट्रो (Driverless Metro) को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर उन्होंने पानी के नीचे चलने वाली मेट्रो (Under Water Metro) का भी उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली में इसकी संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं। कोलकाता में गंगा नदी के नीचे से मेट्रो गुजरेगी। कोलकाता मेट्रो रेल कार्पोरेशन का दावा है कि यह वर्ष 2022 तक पूरा हो जाएगा। वहीं कोच्चि में भी इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अंडर वाटर और सामान्य मेट्रो में कितना अंतर है? कैसे संचालन होगा? क्या खासियत है? इसकी लागत कितनी है? पढ़ें- विस्तृत रिपोर्ट :

loksabha election banner

ट्रैक रिकॉर्ड

देश की सबसे पहली मेट्रो बंगाल के कोलकाता में ही शुरू हुई थी। पानी के अंदर चलने वाली मेट्रो भी देश में सबसे पहले कोलकाता में ही बनकर तैयार होने की संभावना है। इसके लिए पूर्व-पश्चिम लाइन को तैयार किया गया है। यह हावड़ा मैदान से कोलकाता सेक्टर 5 को जोड़ेगी।

  • अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी।
  • नदी के नीचे से गुजरने में 60 सेकंड से भी कम समय लगेगा।
  • हावड़ा मैदान से एसप्लैनेड तक जाने में छह मिनट का समय लगेगा
  • कुल 16 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है।
  • यह पूरा मेट्रो मार्ग वर्ष 2022 में बनकर तैयार हो जाएगा
  • पानी के भीतर से गुजरने वाली मेट्रो गंगा की सहायक नदी हुगली के नीचे तलहटी से 13 मीटर नीचे से गुजरेगी। दोनों टनल समानांतर बनाए गए हैं।
  • इस मेट्रो में 10 लाख यात्री सफर करेंगे वर्ष 2035 तक।
  • अप्रैल 2016: हावड़ा वाले छोर से टनल बनाने का काम शुरू किया
  • अप्रैल 2017: नदी पर टनल बनाने का काम शुरू हुआ
  • मार्च 2018: कर्जन पार्क तक का टनल तैयार
  • दिसंबर 2019: नदी के किनारे के रास्ते तैयार
  • जनवरी 2020: नदी के किनारे ट्रैक बनना शुरू

कोलकाता मेट्रो रेल कार्पोरेशन के आरएसएनपी डायरेक्टर सीएन झा ने बताया कि संभवत: हम तय समय पर पूरा न कर पाएं लेकिन 2022 तक तैयार हो जाएगा। यह नदी के नीचे से गुजरने वाली देश की पहली मेट्रो होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.