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दो वर्ष की बच्ची ने कैंसर को दी मात, जन्म के बाद माता-पिता उसे अस्पताल में छोड़कर चले गए थे

कोलकाता मेडिकल कालेज व अस्पताल में एक दो वर्षीया बच्ची ने कैंसर को मात दे दी। जन्म के बाद माता-पिता ने उसे अस्पताल में ही छोड़ दिया तब से अस्पताल ही मीनू का घर है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 02:31 PM (IST)
दो वर्ष की बच्ची ने कैंसर को दी मात, जन्म के बाद माता-पिता उसे अस्पताल में छोड़कर चले गए थे
दो वर्ष की बच्ची ने कैंसर को दी मात, जन्म के बाद माता-पिता उसे अस्पताल में छोड़कर चले गए थे

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोलकाता मेडिकल कालेज व अस्पताल में एक दो वर्षीया बच्ची ने कैंसर को मात दे दी। नाम है मीनू। जिसे जन्म के बाद माता-पिता ने उसे अस्पताल में ही छोड़ दिया तब से अस्पताल ही मीनू का घर है। डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ अधिकारी ही उसके रिश्तेदार हैं।

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बचने की कोई उम्मीद नहीं थी फिर भी 2 महीने की उम्र में, पेट के ट्यूमर की सर्जरी की गई। इसके बाद पता चला कि यह कैंसर है। इसके बाद डाक्टरों ने कीमोथेरेपी शुरू की। इस घटना के दो वर्ष होने को है और मीनू पूरी तरह से स्वस्थ है। हालांकि, उसके माता-पिता का आज भी कोई पता नहीं है। छोट सी मीनू का घर आज भी अस्पताल ही है।

जानकारी के मुताबिक मीनू का जन्म 3 अक्टूबर 2017 को इसी अस्पताल में हुआ था। जन्म के बाद उसके कमर के नजदीक एक ट्यूमर मिला था। इसके बाद डाक्टरों ने चर्चा के बाद के सर्जरी करने का निर्णय लिया। वहीं ट्यूमर की सफल सर्जरी के बाद डाक्टरों को संदेह हुआ तो उन्होंने बायोप्सी कराई, जहां रिपोर्ट में पता चला कि उसे कैंसर है। तब से उसका इलाज शुरू किया गया। इसके बाद से ही अस्पताल उसका घर बन गया। अस्पताल में उसका अन्नप्राशन और जन्मदिन मनाया गया। छोटी मीनू कहती है कि अस्पताल के सभी लोग उसे बेहद प्यार करते हैं। उसका ख्याल भी रखते हैं। यहां तक कि अस्पताल में उसका जन्मदिन भी मनाया जाता है।

हावड़ा में डेंगू से बच्ची की मौत

डेंगू से पीड़ित एक बच्ची की मौत हो जाने के बाद इलाके में हो रही सफाई पर सवाल उठने लगे हैं। मृतका का नाम अनोखी वर्मा (5) बताया गया है। वह मालीपांचघड़ा थानांतर्गत जेएन मुखर्जी रोड इलाके की रहने वाली थी। बताया गया है कि कुछ दिनों से वह बुखार से पीड़ित थी। इस दौरान उसका इलाज चल रहा था। बुधवार को उसकी तबीयत काफी बिगड़ जाने के बाद स्वजनों ने उसे कोलकाता के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बताया गया है कि पूरी रात इलाज चलने के बाद गुरुवार तड़के उसकी मौत हो गई। अस्पताल से मिले मृत्यु प्रमाण पत्र पर डेंगू लिखा हुआ है। उसकी मौत की सूचना पाकर घर पहुंचे मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला से मृतका के माता पिता समेत कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि इलाके में काफी दिनों से गंदगी फैली है। साफ सफाई के नाम पर कुछ भी नही किया गया है। आशंका है कि इलाके में जमे जल में डेंगू के मच्छर जन्म ले रहें हैं।


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