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एक ही दिन में बंद हुईं टीटागढ़ की दो जूट मिलें, बेरोजगार हुए साढ़े पांच हजार मजदूर

सोमवार को एक ही दिन टीटागढ़ की दो जूट मिलें बंद हो गईं। नतीजतन दोनों मिलों में काम करने वाले साढ़े पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 10:46 AM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 10:46 AM (IST)
एक ही दिन में बंद हुईं टीटागढ़ की दो जूट मिलें, बेरोजगार हुए साढ़े पांच हजार मजदूर

बैरकपुर, संवाद सूत्र। सोमवार को एक ही दिन टीटागढ़ की दो जूट मिलें बंद हो गईं। नतीजतन दोनों मिलों में काम करने वाले साढ़े पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गए। बंद होने वाली मिलों के नाम डेडीको व्यापार प्राइवेट लिमिटेड व केल्विन जूट मिल हैं।

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सोमवार सुबह डेडीको व्यापार जूट मिल के मजदूर जब काम पर पहुंचे तो उन्होंने मिल के गेट पर अस्थायी कार्य निलंबन का नोटिस लगा पाया। इस मिल में तीन हजार मजदूर काम करते हैं। राजेश साव नामक मजदूर ने बताया कि मिल के मालिक दो भाईयों के आपसी विवाद को लेकर जटिलता पैदा हुई है।

उसपर ऑनलाइन पीएफ सिस्टम करने का झंझट चल रहा था। मजदूरों के वेतन में से पीएफ की जो राशि काटी जाती है, उसे पीएफ कार्यालय में जमा नहीं किया जाता है। अंदरुनी समस्या को लेकर मिल को बंद किया गया है। वही सोमनाथ पाल समेत अन्य मजदूरों का आरोप है कि दुर्गापूजा के अवसर पर मजदूरों को बोनस न देना पड़े तथा मजदूरों के वेतन संबंधी वाजिब मांग को दबाया जा सके, इस वजह से मिल को बंद किया गया है।

मिल बंदी के वजह से मजदूरों में हताशा है। दुसरी ओर वर्क लोड बढ़ाने के प्रतिवाद में केल्विन जूट मिल के मजदूरों ने विरोध जताया, जिसे देखते हुए मिल प्रबंधन ने तांत विभाग का मेन स्वीच ऑफ कर दिया। फलस्वरुप उस विभाग की मशीनें बंद हो गई। इससे क्षुब्ध मजदूरों ने मिल गेट व कार्यालय के सामने आक्रोश जताया। सूचना पाकर रैफ के जवानों के साथ टीटागढ़ थाने की पुलिस मिल में पहुंची। मिल में मजदूरों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई।

मुहम्मद इद्रिश नामक मजदूर ने बताया कि तांत विभाग में एक जमाने में एक मजदूर मात्र एक मशीन चलाता था। जूट उद्योग पर आए संकट व आधुनिकीकरण के चलते कुछ साल पहले उसे बढ़ाकर दो कर दिया गया जबकि उसके मुताबिक मजदूरों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है।संवाद सूत्र, बैरकपुर : सोमवार को एक ही दिन टीटागढ़ की दो जूट मिलें बंद हो गईं।

नतीजतन दोनों मिलों में काम करने वाले साढ़े पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गए। बंद होने वाली मिलों के नाम डेडीको व्यापार प्राइवेट लिमिटेड व केल्विन जूट मिल हैं। सोमवार सुबह डेडीको व्यापार जूट मिल के मजदूर जब काम पर पहुंचे तो उन्होंने मिल के गेट पर अस्थायी कार्य निलंबन का नोटिस लगा पाया।

इस मिल में तीन हजार मजदूर काम करते हैं। राजेश साव नामक मजदूर ने बताया कि मिल के मालिक दो भाईयों के आपसी विवाद को लेकर जटिलता पैदा हुई है। उसपर ऑनलाइन पीएफ सिस्टम करने का झंझट चल रहा था।

मजदूरों के वेतन में से पीएफ की जो राशि काटी जाती है, उसे पीएफ कार्यालय में जमा नहीं किया जाता है। अंदरुनी समस्या को लेकर मिल को बंद किया गया है। वही सोमनाथ पाल समेत अन्य मजदूरों का आरोप है कि दुर्गापूजा के अवसर पर मजदूरों को बोनस न देना पड़े तथा मजदूरों के वेतन संबंधी वाजिब मांग को दबाया जा सके, इस वजह से मिल को बंद किया गया है। मिल बंदी के वजह से मजदूरों में हताशा है।

दुसरी ओर वर्क लोड बढ़ाने के प्रतिवाद में केल्विन जूट मिल के मजदूरों ने विरोध जताया, जिसे देखते हुए मिल प्रबंधन ने तांत विभाग का मेन स्वीच ऑफ कर दिया। फलस्वरुप उस विभाग की मशीनें बंद हो गई। इससे क्षुब्ध मजदूरों ने मिल गेट व कार्यालय के सामने आक्रोश जताया।

सूचना पाकर रैफ के जवानों के साथ टीटागढ़ थाने की पुलिस मिल में पहुंची। मिल में मजदूरों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई। मुहम्मद इद्रिश नामक मजदूर ने बताया कि तांत विभाग में एक जमाने में एक मजदूर मात्र एक मशीन चलाता था। जूट उद्योग पर आए संकट व आधुनिकीकरण के चलते कुछ साल पहले उसे बढ़ाकर दो कर दिया गया जबकि उसके मुताबिक मजदूरों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है।


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