West Bengal: कोयला तस्करी मामले में सीबीआइ के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे दो आइपीएस
West Bengal अवैध कोयला खनन मामले में पूछताछ के लिए दो आइपीएस अधिकारी अंशुमान साहा व कल्लोल गोराई को 12 जनवरी को तलब किया गया है। आइपीएस अधिकारियों का तर्क है कि राज्य सरकार की अनुमति लेने के नियमों का उल्लंघन कर सीबीआइ ने यह नोटिस दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: कोयला तस्करी मामले में सीबीआइ के नोटिस को राज्य के दो आइपीएस अधिकारियों ने हाई कोर्ट में दी चुनौती दी है। दरअसल, गो और अवैध कोयला खनन के मामलों में सीबीआइ ने तीन आइपीएस अधिकारियों समेत पुलिस के छह अधिकारियों को भी तलब किया है। वहीं दूसरी ओर, गो तस्करी मामले में गिरफ्तार सरगना इनामुल हक के तीन रिश्तेदारोंं को भी सीबीआइ ने तलब किया है। अवैध कोयला खनन मामले में पूछताछ के लिए दो आइपीएस अधिकारी अंशुमान साहा व कल्लोल गोराई को 12 जनवरी को तलब किया गया है। आइपीएस अधिकारियों का तर्क है कि राज्य सरकार की अनुमति लेने के नियमों का उल्लंघन कर सीबीआइ ने यह नोटिस दिया है।
वहीं दूसरी ओर, सीबीआइ ने कहा है कि यह मामला इस नियम के पहले का है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने भी इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं। इस पर अगले सप्ताह हाइकोर्ट के जज सब्यसाची भट्टाचार्य की बेंच में सुनवाई हो सकती है। अवैध कोयला खनन मामले की जांच के तहत सीबीआइ के अधिकारियों ने बांकुड़ा थाना के प्रभारी अशोक कुमार मिश्रा से पूछताछ की है। कोलकाता में निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ कार्यालय में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने उनसे करीब 8 घंटे तक पूछताछ की।वहीं, शक के दायरे में आए दो आइपीएस अधिकारियों ने सीबीआइ के नोटिस को हाइकोर्ट में चुनौती दे दी है।
सूत्रों के अनुसार, जांच में मिले कई अहम तथ्यों को लेकर मिश्रा से पूछताछ की गई। हालांकि, आधिकारिक तौर पर सीबीआइ ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है, लेकिन मिश्रा को पूछताछ के लिए सीबीआइ फिर तलब कर सकती है। अशोक कुमार मिश्रा, तृणमूल युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विनय मिश्रा के रिश्तेदार बताए गए हैं, जिनके तीन ठिकानों पर सीबीआइ ने छापेमारी की थी। सीबीआइ पहले ही विनय मिश्रा को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेज चुकी है। हालांकि, वह अभी तक अधिकारियों के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। अवैध कोयला खनन मामले के प्रमुख आरोपी अनूप माजी उर्फ लाला अभी भी सीबीआइ की गिरफ्त से दूर है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस ही नहीं, बल्कि गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए गए हैं।