जीआरएसई में स्वदेशी तकनीक से निर्मित दो गश्ती जहाजों का जलावतरण
देश के अग्रणी शिपयार्डो में शुमार गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के लिए स्वदेशी तकनीक से निर्मित दो फास्ट पेट्रोल वेसेल (गश्ती जहाज) का गुरुवार को जलावतरण किया गया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : देश के अग्रणी शिपयार्डो में शुमार गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के लिए स्वदेशी तकनीक से निर्मित दो फास्ट पेट्रोल वेसेल (गश्ती जहाज) का गुरुवार को जलावतरण किया गया। कोलकाता के गार्डेनरीच स्थित जीआरएसई के शिपयार्ड में आयोजित एक समारोह में पूर्वी सेना कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवने की धर्मपत्नी वीणा नरवने के हाथों 'आइसीजीएस अमृत कौर' एवं 'आइसीजीएस कमला देवी' नामक जहाजों का जलावतरण हुआ। इस मौके पर पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवने मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। समारोह में जीआरएसई के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) रीयर एडमिरल वीके सक्सेना, तटरक्षक बल के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के कमांडर राजन बरगोत्रा समेत नौसेना, तटरक्षक बल व जीआरएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर जीआरएसई के सीएमडी वीके सक्सेना ने कहा कि जीआरएसई द्वारा तटरक्षक बल के लिए निर्मित पांच फास्ट पेट्रोल वेसेल (एफपीवी) श्रृंखला का यह तीसरी व चौथी जहाज है। इसके निर्माण में अत्याधुनिक उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। एकीकृत निर्माण प्रौद्योगिकी द्वारा निर्मित उन्नत सेंसर और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस ये जहाज समुद्र में निगरानी के अलावा राहत-बचाव तथा तस्कर व आतंक विरोधी अभियानों में काफी मददगार होंगे। ये जहाज अत्याधुनिक हथियार और समुद्री संचार व नेविगेशन उपकरणों से भी लैस हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब कुछ महत्वपूर्ण उपकरणों आदि की फिटिंग, समुद्र में इसका संतुलन व परीक्षण के बाद अगले साल के मध्य तक इन्हें तटरक्षक बल को सौंप दिया जाएगा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवने ने जीआरएसई के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इसने भारतीय नौसेना व तटरक्षक बल की जरूरतों को पूरा करते हुए अबतक बुलंदियों को छुआ है।
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(इनसेट) गश्ती जहाज की खासियत
करीब 308 टन वजनी, 50 मीटर लंबा व साढ़े सात मीटर चौड़ा यह गश्ती जहाज अधिकतम 34 समुद्री मील प्रति घंटे की गति से एक बार में 1500 नॉटिकल माइल्स तक की दूरी तय कर सकता है। 40/60 अत्याधुनिक गन से लैस इस जहाज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कम जलीय सीमा पर भी पूरी तरह कार्य करने में सक्षम है। पूरी तरह वातानुकूलित व एक साथ 35 कर्मियों के रहने के बेहतर आवास सुविधाएं समेत इस जहाज में अन्य कई विशेषताएं हैं।
गौरतलब है कि जीआरएसई रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। जीआरएसई मुख्य तौर पर भारतीय नौसेना व तटरक्षक बल के लिए गश्ती व युद्धक जहाजों से लेकर व्यापारिक जलपोतों का निर्माण व मरम्मत करता है।