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Bengal Politics: तृणमूल ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना- कोविड संक्रमण दर जब कम हैं तो क्यों नहीं कराए जा रहे उपचुनाव

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य में सात विधानसभा सीटों पर जल्द उपचुनाव कराए जाने की मांग दोहराते हुए इशारों में चुनाव आयोग पर निशाना साधा। जल्द उपचुनाव कराए जाने की मांग दोहराते हुए तृणमूल ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 09:57 AM (IST)
Bengal Politics: तृणमूल ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना- कोविड संक्रमण दर जब कम हैं तो क्यों नहीं कराए जा रहे उपचुनाव
तृणमूल ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य में सात विधानसभा सीटों पर जल्द उपचुनाव कराए जाने की मांग दोहराते हुए इशारों में चुनाव आयोग पर निशाना साधा। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने सवाल किया कि जब कोरोना संक्रमण की दर कम है तो राज्य में उपचुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं?

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उन्होंने उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग नियमों के मुताबिक इस पर जल्द फैसला लेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव हार गईं। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें छह महीने के भीतर उपचुनाव जीतना होगा। इसीलिए तृणमूल जल्द उपचुनाव कराए जाने की मांग लगातार उठा रही है। तृणमूल सांसद ने आगे कहा कि जब बंगाल में पहले दौर का मतदान हुआ था तब कोरोना संक्रमण की दर तीन फीसद थी और आठवें व आखिरी चरण के मतदान के समय यह 33.2 फीसद पर पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कोरोना संक्रमण की दर घटकर दो फीसद या उससे कम हो गई है। उन्होंने सवाल किया कि जब कोरोना संक्रमण दर 33 फीसद था तब आप मतदान करा सकते हो, लेकिन अब यह दो फीसद पर है तो चुनाव क्यों नहीं हो सकते हैं?

राय ने चुनाव आयोग के पाले में गेंद डालते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आयोग संवैधानिक निर्देशों के अनुसार जल्द उपचुनाव कराएगा। एक सवाल के जवाब में तृणमूल सांसद ने यह भी कहा कि यदि आयोग चुनाव नहीं कराता है तो कोर्ट के दरवाजे भी सबके लिए खुले हैं। दूसरी ओर, ईंधन की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर भी तृणमूल सांसद ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि यह सुनियोजित लूट है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले यूपीए की सरकार के दौरान जब ईंधन के दाम 10 पैसे, 15 पैसे बढ़े थे तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन केंद्र सरकार की आलोचना की थी। लेकिन अब पेट्रोल 100 रुपये लीटर है और डीजल दो महीने में 100 रुपये हो जाएगा, इस पर वह कुछ नहीं बोल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि किसी भी देश ईंधन की इतनी उच्च कीमत नहीं है। उन्होंने केंद्र को बहरी, अंधी व भ्रष्ट सरकार भी बताया। 


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