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हुगली में देवी दुर्गा के हाथ में त्रिशूल के बदले तृणमूल का झंडा, बंगाल के सियासत में उफान

हुगली जिले के गुड़ाप में बिल्कुल अलग तस्वीर देखने को मिली है। वहां देवी दुर्गा के हाथ में त्रिशूल की जगह तृणमूल का झंडा दिख रहा है। इसे लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। तृणमूल और भाजपा इसपर तीखी बयानबाजी शुरू कर दी है।

By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalPublished: Sat, 01 Oct 2022 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 06:21 PM (IST)
देवी दुर्गा के हाथ में थमा दिया तृणमूल का झंडा। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। बंगाल के अन्य हिस्सों में भी पूजा की धूम है। महाषष्ठी पर दुर्गा की औपचारिक रूप से पूजा शुरू हो जाती है। शहर से लेकर उपनगरों तक सभी जगह रोशनी से जगमगा रहे हैं। इसी बीच हुगली जिले के गुड़ाप में बिल्कुल अलग तस्वीर देखने को मिली है। वहां देवी दुर्गा के हाथ में त्रिशूल की जगह तृणमूल का झंडा दिख रहा है। इसे लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है।  तृणमूल के नेता ने मां दुर्गा के हाथों में पार्टी का झंडा देने को उचित ठहराया तो भाजपा ने इसे लेकर तृणमूल पर जोरदार हमला बोला है। बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान यह नया विवाद उत्‍पन्‍न हो गया है। 

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इसलिए देवी के हाथों में थमा दिया तृणमूल का झंडा  

गुड़ाप पंचायत के सदस्य लक्ष्मण मंडल ने कहा-'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस तरह से बुरी ताकतों को नष्ट कर राज्य का विकास कर रही हैं, उससे हम काफी प्रेरित हैं। देवी दुर्गा बुरी ताकतों को मारती हैं। इस राज्य में भाजपा नामक दुष्ट शक्ति है। ममता ने विधानसभा चुनाव में उस शक्ति के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्हें मार डाला,    इसलिए इस बार हमारी दुर्गा प्रतिमा में महिषासुर को त्रिशूल के बदले तृणमूल के झंडे से मरता दिखाया गया है।

भाजपा ने संस्‍कृति व परंपरा को नष्‍ट करने का लगाया आरोप 

इसपर हुगली के श्रीरामपुर संगठन के जिला भाजपा अध्यक्ष तुषार मजुमदार ने कहा-'बंगाल की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को नष्ट किया जा रहा है। महालया से पहले कभी भी दुर्गापूजा का उद्घाटन नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री बंगाल में हिंदू धर्म के विनाश का नेतृत्व कर रही हैं। देवी दुर्गा के हाथ में त्रिशूल की जगह तृणमूल का झंडा लगाया गया है। हम इसकी निंदा करते हैं।'


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