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West Bengal : टिकटॉक एप पर सांसद नुसरत जहां का बड़ा बयान, कहा- मुझे आपत्ति नहीं है लेकिन...

Tiktok TMC सांसद नुसरत जहां हुईं उल्टा रथ यात्रा समारोह में शामिल टिकटॉक एप पर सांसद नुसरत जहां का बड़ा बयान कहा- मुझे आपत्ति नहीं है लेकिन...

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 02:43 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 05:01 PM (IST)
West Bengal : टिकटॉक एप पर सांसद नुसरत जहां का बड़ा बयान, कहा- मुझे आपत्ति नहीं है लेकिन...
West Bengal : टिकटॉक एप पर सांसद नुसरत जहां का बड़ा बयान, कहा- मुझे आपत्ति नहीं है लेकिन...

कोलकाता, एएनआई। पश्चिम बंगाल से तृणमुल कांग्रेस की सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां ने टिकटॉक पर प्रतिबंध को लेकर बयान जारी किया है। 59 चीनी एप सहित टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर सांसद नुसरत जहां ने अपनी प्रतिक्रिया में टिकटॉक का पक्ष लिया भी और नहीं भी लिया।

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नुसरत  ने कहा कि टिकटॉक एक मनोरंजक एप है। जो भी फैसला लिया गया, वह गुस्से और आवेग में लिया गया। इसके पीछे क्या रणनीति है। आखिर उन लोगों का क्या होगा, जो इस प्रतिबंध के चलते बेरोजगार हो गए हैं? लोग उसी तरह संघर्ष करेंगे, जैसा नोटबंदी के बाद कर रहे थे। नुसरत ने कहा कि अगर ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है तो मुझे इस प्रतिबंध से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आखिर इन सवालों के जवाब कौन देगा? नुसरत जहां ने ये बातें तब कहीं जब वह उल्टा रथ यात्रा समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंची थीं।

चीनी मोबाइल एप टिकटॉक पर प्रतिबंध के बाद जहां बहुत लोग सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, वहीं एक वर्ग ऐसा भी है जो इस निर्णय पर सवाल उठा रहा है। सांसद नुसरत जहां के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके इस रूख की आलोचना भी हो रही है। वहीं कुछेक लोग उनके तर्क का समर्थन भी कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है, इसलिये मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि एक मनोरंजन एप पर बैन लगाने के बाद सरकार की चीन के खिलाफ रणनीतिक योजना क्या है?

वैसे बता दें कि सांसद नुसरत जहां पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में इस्कोन द्वारा आयोजित उल्टा रथ यात्रा उत्सव में शामिल होने पहुंची थी। पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस के सांसद नुसरत जहां  ने आज कोलकाता में इस्कॉन द्वारा उल्टा रथ यात्रा समारोह में भाग लिया।

तृणमूल सांसद और बांग्ला फिल्म अभिनेत्री नुसरत जहां ने बुधवार को कोलकाता स्थित इस्कॉन मंदिर के 'उल्टा रथ यात्रा समारोह' में हिस्सा लिया। अपने पति निखिल जैन के साथ नुसरत ने भगवान जगन्नाथ,बलभद्र और देवी सुभद्रा की आरती भी की। यह पहला मौका नहीं है जब नुसरत जहां रथ यात्रा में शामिल हुआ हैं। पिछले वर्ष तो रथ की रस्सी भी खींची थी। वह अक्सर हिंदू धार्मिक समारोह में हिस्सा लेती हैं, जिसके लिए वह अक्सर ही कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहती हैं, लेकिन सांसद नुसरत को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

जगन्नाथ की रथयात्रा में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। टीएमसी सांसद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ इस्कॉन टेंपल पहुंची थीं। रथ यात्रा में पहुंची नुसरत जहां ने भगवान जगन्नाथ की आरती की थीं। बशीरहाट से सांसद नुसरत जहां स्पेशल गेस्ट के तौर पर रथ यात्रा में शामिल हुई थीं।

टीएमएसी सांसद और बंगाली अभिनेत्री नुसरत ने आज कोलकाता में इस्कॉन मंदिर के 'उल्टा रथ यात्रा समारोह' में हिस्सा लिया, समारोह की तस्वीरें इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, लोग नुसरत जहां की तस्वीर को काफी पसंद कर रहे हैं, आपको बता दें कि नुसरत जहां अक्सर धार्मिक समारोह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं, जिसके लिए वो कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहती हैं, लेकिन सांसद नुसरत को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

दरअसल नुसरत मुस्लिम हैं और उन्होंने जैन रीति-रिवाज से शादी की थी, नुसरत जब संसद में सांसद के तौर पर शपथ के लिए पहुंची थीं तो उन्होंने मांग में सिंदूर और मंगलसूत्र पहन रखा था। इसे लेकर भी मुस्लिम कट्टरपंथियों ने उन पर निशाना साधा था। सिंदूर लगाने को लेकर मौलवियों ने नुसरत के खिलाफ फतवा भी जारी किया था। अपने खिलाफ फतवा जारी होने की खबरों पर नुसरत जहां ने कहा था, 'मैं उन बातों पर ध्यान नहीं देती जो निराधार हैं, मैं अपना धर्म जानती हूं, मैं जन्म से मुसलमान रही हूं और अब भी मुसलमान हूं। यह विश्वास की बात है। आपको इसे अपने दिल में महसूस करना होगा और दिमाग में नहीं।'

'उल्टा रथ यात्रा' क्या होती है 

बता दें कि भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की मौसी के घर से वापसी को 'उल्टा रथ यात्रा' कहते हैं, गुंडिचा मंदिर से भगवान की वापसी यात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष दशमी को होती है। वापसी यात्रा को 'बहुदा रथ यात्रा' और 'दक्षिणामुखी यात्रा' भी कहा जाता है क्योंकि रथ दक्षिणी दिशा की ओर बढ़ने लगते हैं। इस बार कोरोना की वजह से कोलकाता समेत पूरे बंगाल में कहीं भी रथ यात्रा नहीं निकली। सिर्फ रस्म अदायगी के लिए मंदिर परिसर में भी रथ यात्रा निकाली गई थी और आज भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर से लौट जाते हैं।


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