ट्रेन से कटकर दादा-पोती की मौत के बाद बवाल
-गुस्साए लोगों ने शवों को ट्रैक पर रखकर ट्रेन सेवा की ठप रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
-गुस्साए लोगों ने शवों को ट्रैक पर रखकर ट्रेन सेवा की ठप, रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
-अवरोध का विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों ने यात्रियों को पीटा
-स्कूल जाने के लिए रेल लाइन पार करते वक्त हुआ हादसा
-ट्रैस पासिंग को लेकर आरपीएफ की उदासीनता भी बनती है हादसों की वजह
जागरण संवाददाता, कोलकाता : सियालदह डिवीजन के दमदम जंक्शन और बेलघरिया के बीच रेल पटरी पार करते समय लोकल ट्रेन की टक्कर से दादा-पोती की मौत हो गई। घटना से गुस्साए लोगों ने शवों को ट्रैक पर रखकर ट्रेन संचालन ठप कर दिया। अवरोध का विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन सवार यात्रियों को पीटा। रेल पुलिस के साथ भी झड़प हुई। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को ट्रैक से हटवा कर रेल संचालन शुरु किया गया। घटना के चलते कई लोकल ट्रेनों को रद कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार बेलघरिया के डाक्टर बागान निवासी रजत धर नामक बुजुर्ग मंगलवार सुबह अपनी आठ वर्षीस पोती जुही धर को स्कूल पहुंचाने के लिए घर से निकले थे। जुही, बरानगर तीर्थ भारती स्कूल में पहली कक्षा की छात्रा थी। आज उसकी बांग्ला की परीक्षा थी। दमदम और बेलघरिया स्टेशन के बीच सीसीआर ब्रिज के पास रेल पटरी पार करते वक्त दादा-पोती अप बर्द्धमान लोकल की चपेट में आ गए। मौके पर ही दोनों लोगों की मौत हो गई। हृदयविदारक इस घटना से स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों की भीड़ ने लोकल ट्रेन के आगे शवों को रख कर रेल संचालन ठप कर दिया। रेल प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई। आरोप है कि कई मर्तबा रेल प्रशासन से घटनास्थल पर ओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग किए जाने के बावजूद अनसुना कर दिया गया जिसके चलते लोगों को जान हथेली पर लेकर रेल पटरी को पार करना होता है। विरोध प्रदर्शन के चलते ऑफिस टाइम पर लोकल ट्रेनें टीटागढ़, खड़दह, सोदपुर, बेलघरिया, दमदम समेत अन्य स्टेशनों में खड़ी हो गई। अवरोध का विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन में चढ़कर यात्रियों को भी पीटा। भीड़ के तेवर देख कर आरपीएफ और जीआरपी मूकदर्शक बनी रही। ट्रेन यात्रियों ने अवरोध हटवाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया तो दोनों पक्षों में झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों के साथ भी पुलिस की धक्का मुक्की हुई। मौके पर पहुंचे रेल अफसरों ने प्रदर्शनकारियों को समझा कर अवरोध हटवाया। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सियालदह मेन लाइन पर ट्रेन संचालन शुरू हो सका। जीआरपी ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के चलते कई लोकल ट्रेनों को रद कर दिया गया। जबकि कई ट्रेनें घंटों विलंब से चलीं। ऑफिस टाइम पर अवरोध जैसी घटना के चलते अधिकतर यात्रियों को सड़क मार्ग से गंतव्य के लिए रवाना होना पड़ा। हालांकि ट्रैस पासिंग को लेकर आरपीएफ की उदासीनता भी हादसों की वजह बनती है। इसके बावजूद रेल अधिकारी मौन धारण किए रहते हैं।
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