10 से 12 नए चेहरे उतार सकती हैं ममता
-पार्टी से निकाले गए दो सांसदों के स्थान पर नए चेहरों को मौका मिलना तय -पार्टी के दो सेलिब्रिट
-पार्टी से निकाले गए दो सांसदों के स्थान पर नए चेहरों को मौका मिलना तय
-पार्टी के दो सेलिब्रिटी सांसद का बदला जाना भी लगभग तय
जागरण संवाददाता, कोलकाता : लोकसभा चुनाव 2019 में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 10 से 12 नए चेहरे को मौका दे सकती हैं। सोमवार को पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसी सीटें जहां से पिछले चुनाव में तृणमूल हारी थी, उसके साथ कुछ मौजूदा सांसदों के टिकट भी कट सकते हैं।
इतना हीं नहीं पार्टी ने इस साल वर्तमान सांसदों के सदन के अंदर व बाहर के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के बाद ही उन्हें टिकट देने का फैसला होगा।
एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने बताया कि फिलहाल तृणमूल के 34 सांसद हैं, जिसमें से दो को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है। उस पर नए लोगों को टिकट मिलना तय है। गौरतलब है कि विष्णुपुर सांसद सौमित्र खां व बोलपुर सांसद अनुपम हाजरा को पार्टी खिलाफ गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
इसके साथ उन दो सीटों पर भी नए उम्मीदवार को टिकट मिलना तय है, जहां से सेलिब्रिटी सांसद हैं। इसके अलावा 2014 में जिन सीटों पर पार्टी को हार मिली थी, वहां भी कुछ नए उम्मीदवार उतारे जाएंगे। कुछ सांसदों के प्रदर्शन पर भी सवाल उठ रहे हैं, लिहाजा बदलाव हो सकते हैं। हालांकि अंतिम फैसला तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का होगा।
उन्होंने बताया कि सांसद बनने के बाद जन प्रतिनिधि के रूप में उनका प्रदर्शन और उनके द्वारा उठाए गए जन से जुड़े मुद्दे यह तय करेंगे कि उन्हें टिकट मिले या नहीं। यहीं व्यवस्था उन लोगों पर लागू होगी जो चुनाव हार गए थे। हारने के बाद क्षेत्र में जन से जुड़ाव के प्रति उनका रवैया उनके टिकट तय करेगा।
गौरतलब है कि राज्य में भाजपा का प्रभाव विस्तार तेजी से हुआ है। पिछले चुनाव में आसनसोल व दार्जिलिंग की सीट पर भाजपा ने कब्जा भी किया था। इन दोनों सीट पर इस बार तृणमूल की नजर है। इस लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा नेतृत्व ने बंगाल पर नजरें गड़ा दी हैं, पिछले कुछ महीनों से राज्य में जारी भाजपा के राजनीतिक कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो चुका है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रदेश भाजपा को 23 सीटों का लक्ष्य दे रखा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर होनेवाली राजनीतिक लड़ाई का पिछले सभी रिकार्ड तोड़ना लगभग तय है। उत्तर प्रदेश(80) व महाराष्ट्र(48) के बाद पश्चिम बंगाल लोकसभा सीटों के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।