ममता को पीएम पद की उम्मीदवार के रूप में पेश करेगी तृणमूल
तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी इस बार सोशल मीडिया पर भी बहुत ध्यान दे रही है।
By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 09:59 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 10:25 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी इस बार सोशल मीडिया पर भी बहुत ध्यान दे रही है। पार्टी की योजना डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ व्यापक तौर पर प्रचार अभियान चलाने के साथ-साथ ममता बनर्जी को पीएम पद की उम्मीदवार के रूप में पेश करने की है। आने वाले महीनों में तृणमूल की ओर से सोशल मीडिया पर नया नारा दिया जाएगा, जिसे पार्टी के सोशल मीडिया सेल ने तैयार किया है। नारा है-'चलो पालटाई, एबार बेंगाली प्रधानमंत्री चाई' (चलो बदलाव करें, इस बार बंगाली प्रधानमंत्री चाहिए)। मुख्यमंत्री एवं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शहीद दिवस मंच से राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटें जीतने का दम भरा था। इसे भी नारे के रूप में पार्टी ने पेश करने की योजना बना ली है, नारा होगा-'2019 के लिए शपथ है, बंगाल की 42 से 42 सीटें हमारी है।' गौरतलब है कि कि इस नारे को पार्टी की सोशल मीडिया सेल ने तैयार किया है जिसके 40,000 सोशल मीडिया वोलेंटियर हैं। इतना ही नहीं, ऐसे एक दर्जन से अधिक नारों को बांग्ला के साथ हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में भी तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य ममता बनर्जी को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी आदोलन में प्रमुख चेहरे के रूप में पेश करना है। ........ अभिषेक के जिम्मे है आइटी सेल की कमान बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी की आईटी सेल की अध्यक्षता लोकसभा सासद और मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी कर रहे हैं। इनके अलावा सुपर्णो मोइत्रा, पूर्व क्षेत्रीय निदेशक, नास्कॉम (पूर्व), एक वित्तीय और व्यावसायिक विश्लेषक और कर्नल दिप्तांशु चौधरी (सेवानिवृत्त) जैसे लोग इस सेल में हैं। ................... बांग्ला के साथ अन्य भाषाओं पर भी ध्यान बांग्ला के अलावा अन्य भाषाओं पर भी ध्यान इस बात को स्पष्ट करती है कि ममता की पार्टी अपनी आवाज देशभर में पहुंचाने की कोशिश में है। बांग्ला के साथ हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू पर भी ध्यान है। इसकी बानगी सोशल मीडिया समूह प्रशासकों के बीच प्रसारित मुख्यमंत्री के एक ऑडियो संदेश में देखने को मिली है, जिसमें उन्होंने हिंदी पर विशेष जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने ऑडियो संदेश में कहा है-'याद रखें, यह एक राष्ट्रीय चुनाव है। बांग्ला और अंग्रेजी के अलावा अभियान के लिए हिंदी पर अधिक ध्यान केंद्रित करें ताकि आप तृणमूल के संदेश को राष्ट्रीय स्तर पर फैला सकें।' यद्यपि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती रही हैं कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है लेकिन पार्टी की कोशिश उन्हें पीएम के रूप में पेश करने की है। यह बात दीगर है कि ममता केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रही हैं। उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी और एनआरसी जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर केंद्र सरकार का विरोध किया है। पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की लामबंदी में अहम भूमिका निभा रही हैं, जिसे कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है। ............. क्या है विशेषज्ञों की राय तृणमूल के साइबर अभियान के प्रभाव पर राजनीतिक पर्यवेक्षक व चंदननगर कॉलेज के प्रिंसिपल देवाशीष सरकार ने संदेह प्रकट किया है। उनका कहना है कि पार्टी केवल बंगाल तक ही सीमित है। एक पार्टी सिर्फ जमीनी स्तर की गतिविधियों के जरिए ही अन्य राज्यों में फैल सकती है। डिजिटल अभियान एक ऐसा तरीका है, जो राष्ट्रीय महत्वाकाक्षा रखने वाली कोई भी पार्टी चला सकती है, लेकिन इसमें जमीनी स्तर क जनशक्ति प्रबंधन होना चाहिए। ........... दिवास्वप्न है ममता का पीएम बनना : भाजपा इस अभियान पर भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी का पीएम बनने का सपना दिन में सपना देखने जैसा है। प्रदेश भाजपा इकाई के महासचिव सांयतन बसु ने कहा कि उनकी पार्टी मार्केटिंग के लिए कोई भी हथकंडा आजमा सकती है लेकिन यह सपना पूरा होने वाला नहीं है।
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