लोस चुनाव में कई राज्यों से प्रत्याशी उतारेगी तृणमूल
लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद में जुटी बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी अब प्रधानमंत्री पद पर अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहती है।
- मुख्यमंत्री ने की बिहार, झारखंड, असम, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से प्रत्याशी खड़े करने की घोषणा
- हर राज्य के विधानसभा चुनावों में भी प्रत्याशी उतारेगी तृणमूल
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राज्य ब्यूरो, कोलकाता : लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद में जुटी बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी अब प्रधानमंत्री पद पर अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहती है। इसका स्पष्ट संकेत उन्होंने शुक्रवार को कोलकाता में आयोजित तृणमूल कोर कमेटी की बैठक में दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल के अलावा बिहार, झारखंड, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर, ओडिशा सहित अन्य राज्यों से भी प्रत्याशी उतारने की घोषणा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि आगामी आम चुनाव में इन राज्यों की कुछ सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा-'हमने अभी से लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने अगले साल ओडिशा, झारखंड आदि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी उतारने की घोषणा की। वहीं, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने बंगाल के बाहर पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए इस दौरान कई नेताओं को अलग-अलग राज्यों का प्रभार भी सौंपा।
बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बताया कि पूर्व रेल मंत्री, बैरकपुर से सांसद व तृणमूल के उपाध्यक्ष दिनेश त्रिवेदी को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा से विधायक अर्जुन सिंह व राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को बिहार व झारखंड का प्रभारी बनाया गया है। मणिपुर और मिजोरम का प्रभारी राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ'ब्रायन को बनाया गया है। कोर कमेटी की इस बैठक में मुख्यमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तैयारियों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने अगले साल 19 जनवरी को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली पार्टी की महारैली को सफल बनाने पर जोर दिया। महारैली के लिए भी उन्होंने कई नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में लगातार दो विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद तृणमूल कांग्रेस को 2016 में चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का भी दर्जा दे दिया था। कम से कम चार राज्यों में पार्टी के रूप में मान्यता होने की शर्त के बाद तृणमूल कांग्रेस को यह दर्जा मिला था। बंगाल के अलावा मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में तृणमूल मान्यता प्राप्त पार्टी है।