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आप के विकास मॉडल को बंगाल में दोहराने की तैयारी में तृणमूल

- विस चुनाव के लिए दो मार्च को बड़ा अभियान लांच करेगी तृणमूल - संसद सत्र छोड़कर तृणमूल

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 08:55 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 08:55 AM (IST)
आप के विकास मॉडल को बंगाल में दोहराने की तैयारी में तृणमूल
आप के विकास मॉडल को बंगाल में दोहराने की तैयारी में तृणमूल

- विस चुनाव के लिए दो मार्च को बड़ा अभियान लांच करेगी तृणमूल

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- संसद सत्र छोड़कर तृणमूल के सभी सांसदों को लांचिंग के दिन कोलकाता में रहने का निर्देश

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राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के सफल विकास मॉडल को बंगाल में भी दोहराने की तैयारी में है। इसी कड़ी में बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस आगामी 2 मार्च को एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है, जो राज्य सरकार के गुड गवर्नेस यानी सुशासन पर केंद्रित होगी। सूत्रों के अनुसार, तृणमूल के सभी सांसदों को इस अभियान की लांचिंग के दिन कोलकाता में रहने के लिए कहा गया है। सांसदों को संसद का सत्र छोड़कर इसमें उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। बजट के दूसरे सत्र के लिए आगामी दो मार्च से एक महीने के लिए फिर से संसद सत्र शुरू हो रहा है। दरअसल, भाजपा के आक्रामक हिदुत्व व जय श्री राम के नारे के मुकाबले दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आप नेताओं ने भगवान हमुमान के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित की थी। साथ ही मुफ्त बिजली, पानी आदि विकास के मुद्दे का जमकर प्रचार किया, जो सफल रहा। वहीं, बंगाल में भाजपा के जय श्री राम के नारे का मुकाबला करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही देवी दुर्गा की ओर से रूख किया। साथ ही तृणमूल को अपने साढ़े आठ वर्षो के शासन में हुए विकास कार्यो पर काफी भरोसा है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव में भी इसी के सहारे उतरने का पहले ही संकेत दे चुकी है। सूत्रों का कहना है कि यह अभियान सुशासन व देवी दुर्गा पर ही केंद्रित होगा। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने तृणमूल के इस नवीनतम अभियान को आकार दिया है। दरअसल, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों के अधिकारों की आक्रामक रक्षा के चलते बंगाल में हिदुओं के बीच समर्थन खोने का खतरा महसूस हो रहा है, ऐसे में इस अभियान के जरिए अपनी सरकार के काम को उजागर कर भाजपा को चुनौती देने की तैयारी है। इस अभियान के जरिए मंदिरों और अन्य धरोहरों को विकसित करने की दिशा में किए काम को भी प्रदर्शित किया जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में सफल अभियान की तर्ज पर तृणमूल भी अपने अभियान में यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि वह नफरत की राजनीति नहीं करती बल्कि विकास ही उनका मूल मंत्र है। आगामी दिनों में तृणमूल सरकार कुछ लोक लुभावन योजनाएं भी शुरू कर सकती है। इससे पहले अभी हाल में राज्य बजट में ममता सरकार ने दिल्ली की तर्ज पर बंगाल में भी गरीब लोगों को तीन महीने में 75 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी।


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