टीपू सुल्तान मस्जिद बना सौर बिजली से जगमगाने वाला बंगाल का पहला मस्जिद
महानगर के टालीगंज इलाके में स्थित शाही टीपू सुल्तान मस्जिद बंगाल का ऐसा पहला मस्जिद बनने के लिए तैयार है, जो बिजली पैदा करने के मामले में आत्मनिर्भर होगा।
कोलकाता , जागरण संवाददाता। महानगर के टालीगंज इलाके में स्थित शाही टीपू सुल्तान मस्जिद बंगाल का ऐसा पहला मस्जिद बनने के लिए तैयार है, जो बिजली पैदा करने के मामले में आत्मनिर्भर होगा। इसके लिए मस्जिद की छत पर 35 सौर पैनल स्थापित किए गए हैं, जिस पर करीब 15,22,135 रुपये खर्च हुए हैं।
वर्तमान में सौर पैनल से लगभग 50 फीसद बिजली की आपूर्ति हो रही है। इस परियोजना के इंजीनियर सदस्यों में से एक अखलाक आजम ने बताया कि मस्जिद बिजली उत्पादन की वर्तमान क्षमता 8.68 किलोवाट है, लेकिन हमें इसे तीन गुना और बढ़ाने की आवश्यकता है।
बाकी बिजली हम सीइएससी के पावरग्रिड से लेते हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद का नवीकरण कार्य प्रगति पर है। तीन नए द्वार बनाए गए हैं। द्वारों और परिसर के अंदर और दीवारों पर और अधिक रोशनी की जाएगी। एम्प्लीफायर भी स्थापित होंगे।
उन्होंने कहा कि टालीगंज मस्जिद में बिजली उत्पन्न हेतु और अधिक सौर पैनल लगाने को पर्याप्त जगह है, जबकि एस्प्लानेड की मस्जिद के लिए जगह अभाव के बीच भी कई योजनाएं है। आजम ने कहा कि एस्प्लानेड के टीपू सुल्तान मस्जिद में भी हम ऐसे सौर प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं लेकिन वहां जगह की किल्लत है।
मस्जिद परिसर लगभग 7.5 बीघा (10,034 वर्ग मीटर) क्षेत्र में फैला है। मस्जिद में एक तालाब है जो लगभग सूखा पड़ा है। इसके अलावा वहां ईदगाह, एक मदरसा और सुल्तान के वंशजों का कब्रिस्तान का एक संग्रहालय भी है। इससे इतर, उन्होंने कहा कि टालीगंज में हम सभी धर्मों के समाज के निचले स्तर से आने वाली महिलाओं के लिए एक कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र और ट्यूटोरियल खोलने के लिए अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।