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बंगाल में राजनीतिक संघर्ष में तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में अब तक 15 लोग गिरफ्तार

बंगाल के दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों की पुलिस ने शुक्रवार रात तीन लोगों की कथित हत्याओं के मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 09:02 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 09:02 PM (IST)
बंगाल में राजनीतिक संघर्ष में तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में अब तक 15 लोग गिरफ्तार
बंगाल में राजनीतिक संघर्ष में तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में अब तक 15 लोग गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों की पुलिस ने शुक्रवार रात तीन लोगों की कथित हत्याओं के मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।  दक्षिण 24 परगना जिले के मोइपीठ-बैकुंठपुर पंचायत क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के नेता अश्विनी मन्ना को कथित तौर पर शुक्रवार देर रात वामपंथी पार्टी सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के समर्थकों ने मार डाला था।

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घटना से गुस्साए तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कुछ अन्य घरों और दुकानों में आग भी लगा दी थी। इस घटना के एक घंटे बाद कथित तौर पर एक एसयूसीआइ कार्यकर्ता सुधांशु जना का शव उनके घर में लटका मिला। दरअसल, एसयूसीआइ का बंगाल के बाकी हिस्सों में बहुत कम उपस्थिति है, लेकिन इस क्षेत्र में उसकी मजबूत पकड़ है जहां हिंसा हुई थी। जिले के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हिंसा के लिए दोनों पक्षों के ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

गिरफ्तार किए गए लोगों में तृणमूल के युवा मोर्चा के नेता पिंटू प्रधान भी हैं। वहीं, स्थानीय तृणमूल नेताओं ने इन गिरफ्तारियों पर यह कहते हुए टिप्पणी नहीं की कि पुलिस अपनी ड्यूटी कर रही है। इधर, स्थानीय जयनगर विधानसभा सीट के पूर्व एसयूसीआइ विधायक तरुण नस्कर ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता तृणमूल पंचायत नेताओं द्वारा भाई-भतीजावाद का विरोध कर रहे हैं, जो चक्रवात एम्फन से प्रभावित लोगों में राहत और मुआवजे के वितरण में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 2018 के पंचायत चुनावों में हमने 11 ग्राम पंचायत सीटें जीतीं जबकि तृणमूल ने सात और माकपा ने सात सीटें जीतीं। लेकिन तृणमूल नेताओं ने हमारे उम्मीदवारों को धमकाया और उन्हें पक्ष बदलने के लिए मजबूर किया ताकि वे बोर्ड बना सकें। हम बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे थे। गुरुवार को हमने पंचायत प्रधान के खिलाफ राहत-बचाव संबंधी भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद हमारे पार्टी कार्यकर्ता पर तृणमूल द्वारा हमला किया गया। 

उधर, बीरभूम जिले में तृणमूल कार्यकर्ता शिशिर बाउरी का शव शुक्रवार रात खैरासोल इलाके में पाया गया।  उनके परिवार ने छह स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। खैरासोल थाने के एक अधिकारी ने कहा कि चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि हत्या के पीछे भाजपा का हाथ था। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष श्यामापद मंडल ने आरोप से इनकार किया।


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