धमकी मिलने के दावे के बाद कश्मीरी डॉक्टर की बढ़ी सुरक्षा
-22 वर्षो से कोलकाता में रह रहे हैं कश्मीर के रहने वाले चिकित्सक -बाल संरक्षण आयोग की ओर से प
-22 वर्षो से कोलकाता में रह रहे हैं कश्मीर के रहने वाले चिकित्सक
-बाल संरक्षण आयोग की ओर से पूरी सुरक्षा देने का किया गया वादा
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: महानगर में बीचे 22 वर्षो से रह रहे एक कश्मीरी डॉक्टर ने दावा किया है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद उसे शहर छोड़ने या फिर 'गंभीर परिणाम' भुगतने की धमकी दी जा रही है। डॉक्टर ने हालाकि पश्चिम बंगाल सरकार के उसके बचाव में आने के बाद वहीं रहने का निर्णय लिया है। नाम उजागर ना करने के अनुरोध पर डॉक्टर ने बताया कि उन्हें तंग किया गया, लेकिन उसने शुरुआत में धमकियों पर कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन चिंता तब बढ़ गई जब कुछ लोगों ने उनके घर के बाहर इकट्ठे होकर उनके पाकिस्तान ना जाने पर उनकी बेटी को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले के एक दिन बाद 15 फरवरी को उनके (डॉक्टर के) घर लौटने के बाद 20 से 25 वर्ष की आयु के पाच युवक उनके घर पहुंचे और उन्हें तुरंत शहर छोड़ने की धमकी देते हुए कहा, 'पाकिस्तान वापस जाओ क्योंकि कश्मीरियों के लिए इस देश में कोई जगह नहीं है।' डॉक्टर ने कहा कि इस बार धमकी गंभीर लगी और उन्होंने शहर छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन उन्होंने इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार से संपर्क करने का फैसला लिया।उन्होंने कहा,' मैंने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री को मामले की जानकारी देने का फैसला किया और फेसबुक पर एक पोस्ट डाली। मैंने मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर भी एक संदेश छोड़ा।' अगले दिन, डॉक्टर को पश्चिम बंगाल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की प्रमुख का फोन आया और उन्होंने उन्हें मदद का आश्वासन दिया। पश्चिम बंगाल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती नेकहा कि डॉक्टर के परिवार को कोई तकलीफ ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। चक्रवर्ती ने बताया कि डॉक्टर और उनके परिवार को 24 घटे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई। निकटवर्ती पुलिस थाने के अधिकारी नियमित रूप से उन्हें फोन कर उनकी सलामती भी सुनिश्चित करते हैं।