इस साल पश्चिम बंगाल सरकार ने की आठ गुना अधिक धान की खरीद
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस वर्ष अभी तक गत वर्ष के सापेक्ष आठ गुना अधिक धान की खरीद किसानों से की है। इस वर्ष खरीद का लक्ष्य 52 लाख टन है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 02:33 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 02:33 PM (IST)
कोलकाता [जागरण संवाददाता]। पश्चिम बंगाल सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में आठ गुना अधिक धान की खरीद राज्य भर के किसानों से की है। गुरुवार को राज्य कृषि विभाग की ओर से इस बारे में विज्ञप्ति जारी कर दावा किया गया है।
बताया गया है कि बांग्ला सरकार की धान खरीद योजना को राज्य भर में बड़ी प्रतिक्रिया मिली है, जिससे पिछले साल की तुलना में खरीद में आठ गुना वृद्धि हुई है। इस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 के खरीफ सीजन में, राज्य सरकार ने किसानों से 27,000 टन धान की खरीद की थी जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) के दौरान 2.14 लाख टन धान अब तक खरीदा जा चुका है, जो पिछले साल की तुलना में आठ गुना अधिक है।
इस वित्त वर्ष में अभी भी तीन महीने बाकी है और यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना भी है। दावा किया गया है इस जबरदस्त प्रतिक्रिया का मुख्य कारण सरकार द्वारा निर्धारित निम्नतम फसल खरीद मूल्य (एमएसपी) है, जो खुले बाजार की तुलना में 300 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। राज्य सरकार की इस पहल की वजह से बड़ी संख्या में किसान सरकारी विक्रय केंद्रों पर ही अपने धान को बेच रहे हैं।
इसे देखते हुए राज्य सरकार ने भी पहल की है और इस वित्त वर्ष में अपने कुल खरीद लक्ष्य को 52 लाख टन तक तय कर दिया है। अब, किसानों के उत्पादन के आधार पर हर किसी को अपना पूरा धान, या कम से कम इसका एक हिस्सा बेचने में सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में धान खरीद प्रक्रिया को बढ़ावा देने की शुरुआत की है। इसके लिए धान खरीद अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो प्रत्येक ब्लॉक में जाकर किसानों को इसके बारे में समझा रहे हैं।
सरकार 52 लाख टन के निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रति किसान से 90 क्विंटल धान खरीद की सीमा तय की गई है। इसके अलावा पहले एक कम से कम खरीद सीमा तय की गई थी जिसे राज्य सरकार ने हटा दिया है। इस वजह से हाशिए पर मौजूद किसान यानी वे भी जो कम से कम धान उगाते हैं, राज्य सरकार को अपनी फसल बेच पाएंगे।
बताया गया है कि बांग्ला सरकार की धान खरीद योजना को राज्य भर में बड़ी प्रतिक्रिया मिली है, जिससे पिछले साल की तुलना में खरीद में आठ गुना वृद्धि हुई है। इस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 के खरीफ सीजन में, राज्य सरकार ने किसानों से 27,000 टन धान की खरीद की थी जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) के दौरान 2.14 लाख टन धान अब तक खरीदा जा चुका है, जो पिछले साल की तुलना में आठ गुना अधिक है।
इस वित्त वर्ष में अभी भी तीन महीने बाकी है और यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना भी है। दावा किया गया है इस जबरदस्त प्रतिक्रिया का मुख्य कारण सरकार द्वारा निर्धारित निम्नतम फसल खरीद मूल्य (एमएसपी) है, जो खुले बाजार की तुलना में 300 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। राज्य सरकार की इस पहल की वजह से बड़ी संख्या में किसान सरकारी विक्रय केंद्रों पर ही अपने धान को बेच रहे हैं।
इसे देखते हुए राज्य सरकार ने भी पहल की है और इस वित्त वर्ष में अपने कुल खरीद लक्ष्य को 52 लाख टन तक तय कर दिया है। अब, किसानों के उत्पादन के आधार पर हर किसी को अपना पूरा धान, या कम से कम इसका एक हिस्सा बेचने में सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में धान खरीद प्रक्रिया को बढ़ावा देने की शुरुआत की है। इसके लिए धान खरीद अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो प्रत्येक ब्लॉक में जाकर किसानों को इसके बारे में समझा रहे हैं।
सरकार 52 लाख टन के निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रति किसान से 90 क्विंटल धान खरीद की सीमा तय की गई है। इसके अलावा पहले एक कम से कम खरीद सीमा तय की गई थी जिसे राज्य सरकार ने हटा दिया है। इस वजह से हाशिए पर मौजूद किसान यानी वे भी जो कम से कम धान उगाते हैं, राज्य सरकार को अपनी फसल बेच पाएंगे।
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