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West Bengal Board: बंगाल बोर्ड के छात्रों के लिए निजी न्यूज चैनल पर आयोजित होंगी कक्षाएं

West Bengal Board. इन कक्षाओं का प्रसारण एबीपी आनंद पर दोपहर तीन बजे से चार बजे तक किया जाएगा। टीवी चैनल के स्टूडियो को कक्षा में बदल दिया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 04:54 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 07:32 PM (IST)
West Bengal Board: बंगाल बोर्ड के छात्रों के लिए निजी न्यूज चैनल पर आयोजित होंगी कक्षाएं
West Bengal Board: बंगाल बोर्ड के छात्रों के लिए निजी न्यूज चैनल पर आयोजित होंगी कक्षाएं

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Board. पश्चिम बंगाल बोर्ड की कक्षा नौंवी से 12वीं के छात्रों के लिए सात अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में निजी टेलीविजन चैनल पर आभासी कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि इन कक्षाओं का प्रसारण ‘एबीपी आनंद’ पर दोपहर तीन बजे से चार बजे तक किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि टीवी चैनल के स्टूडियो को कक्षा में बदल दिया गया है। छात्र वॉट्सएप और फोन कॉल के जरिए शिक्षकों से सवाल पूछ सकेंगे, इसके लिए कक्षा शुरू होने से पहले नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे।

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राज्य सरकार ने इससे पहले ‘डीडी बांग्ला’ पर दोपहर चार बजे से शाम पांच बजे तक कक्षाओं के आयोजन का फैसला किया था लेकिन यह योजना कामयाब नहीं हो पाई क्योंकि कुछ छात्रों एवं शिक्षकों ने समय पर सवाल उठाया था और उसी चैनल पर दूसरे समय में इनके आयोजन को लेकर कुछ समस्याएं थीं। अधिकारी ने कहा कि सरकार 16 मार्च को कक्षाओं के बंद होने के बाद से हुए समय के नुकसान की भरपाई के लिए सक्रियता से काम कर रही है। शुरुआती फैसले के बाद कुछ अनिश्चितता थी, लेकिन अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है। 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से जंग में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए दोहरी परेशानी खड़ी हो गई है। पहली हर दिन कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी राजस्व उगाही पूरी तरह से ठप है। ऐसे में लोकलुभावन और आगामी शहरी निकाय व विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई बजटीय घोषणाओं का क्या होगा? वैसे भी बंगाल सरकार पर तीन लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है। जिसके ब्याज और मूलधन के भुगतान में हर वर्ष सरकार को 50 हजार करोड़ चुकाने होते हैं। ऐसे में कोरोना ने ममता सरकार की निर्भरता केंद्र सरकार पर बढ़ा दी है।

वहीं एक और डर शायद ममता को जरूर सता रहा होगा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना से निपटने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं, उसकी हर तरफ सराहना हो रही है। ऐसे में पूरा श्रेय भाजपा को न मिल जाए। इस महामारी में यदि उनकी पार्टी विरोध करती है तो उन्हें पता है कि स्थिति क्या हो सकती है। इसीलिए ममता जो 15 मार्च तक यह कह रही थी कि भारत में कोरोना नहीं है, वह भी जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे निर्देशों को सहज ही स्वीकार कर रही हैं।

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