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बंगाल में इंटरनेट मीडिया पर स्कूलों को खोलने की उठ रही है मांग, अभिभावकों ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान

बंगाल में इंटरनेट मीडिया के जरिये अभिभावक स्‍कूल खोलने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए हस्‍ताक्षर अभियान भी शुरू किया गया है। उनका कहना है कि शिक्षा संस्‍थान न खोले जाने से उनके बच्‍चों का भविष्‍य खतरे में हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 07:28 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 07:28 AM (IST)
बंगाल में इंटरनेट मीडिया पर स्कूलों को खोलने की उठ रही है मांग, अभिभावकों ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान
बंगाल में इंटरनेट मीडिया पर स्कूलों को खोलने की मांग उठ रही है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता राज्य में जब सब कुछ खुल रहा है तो ऐसे में शिक्षा संस्थानों को भी खोले जाने की मांग पर इंटरनेट मीडिया पर अब आवाज उठने लगी है। इससे संबंधित पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चालू किया गया है जहां आम अभिभावक से लेकर विशिष्टजन भी शामिल हो रहे हैं। उनकी मांग है कि राज्य में अब शिक्षा संस्थान खोल दिये जाए नहीं तो उनकी संतान का भविष्य नष्ट हो जाएगा।

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कोरोना के बावजूद राज्य सरकार द्वारा एक-एक कर सब कुछ खोल दिया जा रहा है। ऐसे में अब ​शिक्षा संस्थानों को भी खोले जाने की आवश्यकता है। यहां उल्लेखनीय है कि बार, रेस्तरां, शापिंग माल 50% क्षमता के साथ खुले हुए हैं जबकि हाल में सलून व जिम भी खोल दिये गये। शादी में अतिथियों की संख्या बढ़ायी गयी है, ऐसे में अब शिक्षा संस्थानों को भी खोलने का समय आ गया है। वेस्ट बंगाल डाक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीडीएफ) की ओर से डा. कौशिक चाकी ने बताया, ‘सब खुल रहा है तो शिक्षा तो सबसे जरूरी चीज है। ऐसे में सभी तरह के कोविड नियमों के साथ स्कूल व कालेज भी खोले जाने चाहिये। 

पहले सीनियर क्लासेज जैसे 9 से 12 और उसके बाद धीरे-धीरे अन्य कक्षाओं की पढ़ाई भी चालू की जानी चाहिये। वर्चुअल शिक्षा स्थायी समाधान कभी नहीं हो सकता है। बहुत ही सावधानी बरतते हुए अब शिक्षा संस्थानों को खोले जाने का समय आ गया है। अब मार्च महीने में स्कूल, कालेज बंद हुए 2 वर्ष पूरे हो जाएंगे, इस तरह छात्रों का भविष्य पूरी तरह नष्ट हो रहा है। इसके साथ ही उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। छात्र स्क्रीन यानी मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर आदि पर अधिक समय दे रहे हैं।’

कई अभिभावकों की ओर से भी शिक्षा संस्थानों को खोले जाने को लेकर मांग उठने लगी है। ट्वीट में लिखा गया है, ‘जब तक आवाज नहीं उठायेंगे, तब तक हल नहीं निकलेगा। अभिभावक के तौर पर कह रहे हैं, अब लगता है कि प्रत्येक अभिभावक को आवाज उठाने की आवश्यकता है। मेरे संतान का भविष्य नष्ट हो रहा है, नष्ट किया जा रहा है। इतने बड़े नुकसान पर अगर आवाज नहीं उठा सके तो माता-पिता होने के योग्य हम नहीं हैं।’ इसी तरह एक अभिभावन डा . निशि प्रकाश ने कहा, ‘जिन बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लग सकती, उनके लिए अभी स्कूल खोलना ठीक नहीं होगा।

 हालांकि जिन बच्चों को वैक्सीन लग रही है, उन्हें शिक्षकों के फिजिकल गाइडेंस की आवश्यकता है। स्कूल नहीं जाने का असर छात्रों के सामग्रिक विकास पर पड़ रहा है और छात्रों का भविष्य नष्ट हो रहा है। ऐसे में समुचित कोविड ​नियमों का पालन करते हुए सीनियर क्लासेज के लिए स्कूल खोले जाने का समय अब आ गया है।’ जानकारी के अनुसार, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शिक्षा संस्थानों को खोले जाने को लेकर कहा है कि राज्य में कोविड परिस्थितयों पर चर्चा की जा रही है। सीएम से चर्चा कर उनके निर्देश के अनुसार ही उ​​​चित समय पर इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।


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