कोलकाता में सज रहे हैं थीम आधारित दुर्गा पंडाल, देखते ही बनती है खूबसूरती
बीते कुछ सालों के दौरान थीम आधारित दुर्गोत्सव का चलन बढ़ा है। लगभग सभी पूजा कमिटियां थीम आधारित दुर्गापूजा आयोजित कर वाह-वाही लूटने के प्रयास में लगी रहती हैं।
इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। बीते कुछ सालों के दौरान थीम आधारित दुर्गोत्सव का चलन बढ़ा है। लगभग सभी पूजा कमेटी थीम आधारित दुर्गापूजा आयोजित कर समाज को मैसेज देने का काम करती हैं।। कोई पर्यावरण संरक्षण, कोई आजादी, कोई कन्या भ्रूण हत्या का विरोध और कोई भ्रष्टाचार उन्मूलन को पूजा की थीम बनाता है तो कोई बीते साल की चर्चित घटनाओं को दुर्गोत्सव का केंद्र बिंदू बनाता है।
मिट्टी की थीम पर पंडाल
कोलकाता की कुम्हारटोली सार्वजनिन दुर्गोत्सव कमिटी के बैनर तले इस बार मिट्टी की थीम पर पंडाल बनाया जा रहा है। कमेटी ने मिट्टी के महत्व को दर्शाते और समझाते हुए इसी की थीम पर पंडाल बनाने का फैसला किया है। उत्तर कोलकाता की चुनिंदा पूजा पंडालों में शामिल इस दुर्गोत्सव के संयोजक देवाशीष कुमार ने बताया कि बीते साल यानी 2017 को श्रद्धांजलि आधारित पूजा आयोजित की गई थी।
आजादी के पहले की कमेटी में अध्यक्ष के सुभाष चंद्र बोस
आजादी के काफी पहले यानी 1931 से उत्तर कोलकाता के कुम्हारटोली इलाके में उनकी कमिटी के बैनर तले पूजा आयोजित होती आ रही है। इनलोगों ने बताया कि 1938-39 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस उनकी पूजा कमिटी के अध्यक्ष थे।
सीएम करेंगी उद्धाटन
दुर्गोत्सव से जुड़े संजय जैन ने बताया कि थीम मेकर परिमल पाल परिकल्पना के मुताबिक पंडाल बनाने और प्रतिमा गढ़ने में लगे हैं। जैन के मुताबिक बांस, तिरपाल, कपड़ा के अलावा प्लाइवुड व शोला के साथ-साथ मिट्टी से पंडाल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 45 लाख की बजट वाली इस पूजा का उद्घाटन 12 अक्तूबर को संभवत: राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों होगा। उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है। 23 अक्तूबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। कोलकाता नगर निगम, कोलकाता पुलिस और अग्निशमन विभाग के सभी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पूजा हो रही है।
पहले कौन-कौन सी बनी थीम
बीते साल 2016 में सर्कस थीम, 2105 में ऐतिहासिक भवन, 2014 में कांच की बोतल, 2013 में त्रिनयनी और 2012 में भव्य मंदिरनुमा पंडाल बनाकर कमेटी को काफी अवार्ड मिले हैं 160 फीट लंबे, 40 फीट चौड़े और 40 फीट ऊंचे पंडाल को बनाने में पुलिस और प्रशासन के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।