West Bengal: हावड़ा में पति व बहन के शव के साथ दो दिनों तक रह रही थी महिला
ओलाबीबीतल्ला लेन में रॉबिनसन स्ट्रीट घटना की छाया पड़ोसियों ने परिवार को कोविड होने की जतायी आशंका महिला हावड़ा अस्पताल में इलाजरत।दो दिनों से महिला पति व बहन के शवों के साथ रह रही थी। इसके बाद जब घर से दुर्गंध आने लगी तो लोगों ने जानकारी थाने को दी
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। साल 2015 में रॉबिनसन स्ट्रीट की जैसी घटना हावड़ा के चटर्जीहाट इलाके में घटी। जहां पर पिछले दो दिनों से एक महिला अपने पति व बहन के शवों के साथ रह रही थी। इसके बाद जब घर से जोरदार दुर्गंध आने लगी तो आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी चटर्जीहाट थाने को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को निकालकर पोस्टपार्टम के लिए भेजा वहीं महिला को हावड़ा अस्पताल में भर्ती किया गया है।
मृतकों के नाम निशिथरंजन मंडल (75) एवं अनिता घोष उर्फ उमा (60) है। ये लोग चटर्जीहाट थानांतर्गत 21/3 ओलाबीबीतल्ला लेन इलाके में मौजूद एक तीन मंजिला इमारत में रहते थे। परंतु इनका कोई सामाजिक सरोकर नहीं था। इसके कारण वे किसी के संपर्क नहीं थे।
गत दो दिनों से जब निशिथ सामान लेने के लिए बाहर नहीं निकल रहे थे। तभी आसपास के लोगों को शक हुआ और उन लोगों ने इसकी जानकारी चटर्जीहाट थाने को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर दोनों जीजा साली के शव को बाहर निकला। इसके साथ ही निशिथ की पत्नी पापड़ी मंडल काे इलाज के लिए भेज दिया। इस मामले में चटर्जीहाट थाना की ओर से कहा गया कि पापड़ी व दोनों मृतक सभी अपने-अपने कमरे थे। बाद में हावड़ा निगम की मदद से शवों को बरामद किया गया। वहीं पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।
आसपास के लोगों से नहीं थी बातचीत
इलाके के रहनेवाले शिवकुमार भोवाल ने बताया कि निशिथ और उसका परिवार पिछले कुछ सालों से आसपास के लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। वे केवल दुकानदारों से सामान खरीदने के लिए ही निकलते थे। साथ ही बताया जाता है कि 2020 से हर जगह कोविड होने के कारण वे पिछले कई दिनों से मानसिक रूप से भी परेशान थे। इसलिए कुछ दिनों से बाहर भी नहीं निकल रहे थे। इस दौरान इलाके के लोगों को भी कोई शक नहीं हुआ लेकिन जब दुर्गंध काफी तेज हो गयी तो लोगों ने पुलिस को जानकारी दी।
इलाके के लोगों के अनुसार निशिथ पहले हावड़ा नगर निगम के टैक्स डिपार्टमेंट में काम करते थे और उनकी पत्नी पापड़ी मंडल हाउस वाइफ थी। उनकी साली उमा भी कई दिनों से उनके साथ ही रहती थी। इसके अलावा उनका एक बेटा भी है जो कि कई सालों से मेंटल असाइलम में रहता है, जिसका कई सालों से इलाज चल रहा है।
कोविड होने का भी था शक
चटर्जीहाट के जिस तीन मंजिला इमारत में निशिथ का परिवार रहता था। उनके अलावा और एक परिवार रहता था लेकिन वे सालों पहले ही यहां से छोड़कर चले गये थे। इसके अलावा इमारत में मौजूद डाक भी कई दिनों से बंद है। ऐसे में किसी से संपर्क नहीं होने के कारण किसी को यह भी जानकारी नहीं थी कि उनकी तबीयत खराब है कि नहीं। हालांकि पड़ोसियों को कोविड होने का शक है। इसके कारण उनकी तबीयत खराब हो गयी और उनकी मौत हो गई।