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विधानसभा चुनाव जीतने में लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन भाजपा के काम नहीं आएगा : तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सोच रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के दम पर वह अगले साल होने वाले बंगाल के विधानसभा चुनाव में जीत जाएगी तो वह सपने देख रही है। सुखेंदु रॉय ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होते हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 08:51 AM (IST)
विधानसभा चुनाव जीतने में लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन भाजपा के काम नहीं आएगा : तृणमूल
लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होते हैं- तृणमूल

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि अगर भाजपा सोच रही है कि वह 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के दम पर अगले साल होने वाले बंगाल के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर लेगी तो वह दिन में सपने देख रही है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होते हैं। बंगाल में विकास के लिए ‘गुजरात मॉडल' लाने के भाजपा के घोषणा पर पलटवार करते हुए रॉय ने कहा कि दोनों राज्यों के तुलनात्मक आंकड़े साबित करते हैं कि बंगाल कई क्षेत्रों में गुजरात से काफी बेहतर है। 

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 भाजपा का नाम लिए बिना रॉय ने कहा,  ''जो कह रहे हैं कि वे विधानसभा चुनाव जीतेंगे, क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती हैं तो वह दिन में सपने देख रहे हैं।'' गौरतलब है कि भाजपा ने बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 2019 के आम चुनाव में 18 पर जीत दर्ज की थी। रॉय ने कहा कि 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बंगाल में 16 सीटें जीती थी लेकिन 1987 के विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 42 सीटें मिली थीं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना पर रॉय ने कहा कि यह उनका अधिकार है लेकिन इसका बंगाल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 गौरतलब है कि हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम बहुल 5 सीटों पर जीत दर्ज की है जिसके बाद बंगाल पर उनकी नजर है। बंगाल में खासकर मुर्शिदाबाद, मालदा व उत्तर दिनाजपुर जिले जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है, वहां वह उम्मीदवार खड़े करने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि ओवैसी के चुनाव लड़ने से मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा जिसका फायदा भाजपा को हो सकता है। हालांकि इस बीच यह भी खबर आई है कि ओवैसी ने भाजपा को हराने के लिए ममता बनर्जी के सामने मिलकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया है।


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