दुर्गापूजा के थीम से दर्शाई जाएगी एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी के वर्करों की दुर्दशा
कोरोना महामारी के कारण वर्कर पिछले छह महीने से हैं बेरोजगार। लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या परेशानियां झेली ये सारी चीजें दुर्गापूजा के पंडाल के जरिए परिलक्षित होंगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी की वर्करों की दुर्दशा दुर्गापूजा के थीम से दर्शाई जाएगी। लॉकडाउन के दौरान वर्करों ने क्या-क्या परेशानियां झेली हैं और मौजूदा समय में उन्हें किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ये सारी चीजें उनकी अपनी दुर्गापूजा के पंडाल के जरिए परिलक्षित होंगी।
एक-एक दिन उनपर बेहद भारी रहा : महाश्वेता मुखर्जी
वर्करों के संगठन दुर्बार महिला समन्वय कमेटी की एडवोकेसी ऑफिसर महाश्वेता मुखर्जी ने बताया-'कोरोना महामारी के कारण वर्कर पिछले छह महीने से बेरोजगार हैं। लॉकडाउन का एक-एक दिन उनपर बेहद भारी रहा है। यौन पेशे से जुड़े होने पर भी उन सभी का अपना एक परिवार है, बच्चे हैं, जिनके भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उनपर है।
खुद को आर्थिक मजबूत करने में जुटी रहती हैं वर्कर
वर्कर नहीं चाहते कि वे जिस पेशे में हैं, उनके बच्चे भी उस पेशे से जुड़े इसलिए वे हमेशा खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने में जुटी रहती हैं लेकिन कोरोना ने उनकी कमर तोड़ दी है। उन्हें खाने के लाले पड़ गए हैं।
ताकि समाज का नजरिया बदले व मदद के हाथ बढ़े
लॉकडाउन के समय उन्होंने जिन परेशानियों का सामना किया, उसे हम अपने पूजा पंडाल में तस्वीरों के जरिए दर्शाएंगे ताकि समाज का उनके प्रति नजरिया बदले और उनकी तरफ मदद के हाथ बढ़े।'
जिंदगी पटरी पर लौट रही वर्करों की हालत जस तस
महाश्वेता मुखर्जी ने आगे कहा-'कोरोना के बीच जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है लेकिन वर्करों की हालत जस की तस है क्योंकि वे ऐसे पेशे से जुड़ी हैं, जिसके अलावा वे कोई और काम नहीं कर सकतीं। और दूसरा कोई काम उन्हें जल्दी कोई देना भी नहीं चाहेगा। कुछ वर्करों तो मजबूरी में जोखिम उठाकर फिर से जिस्मफरोशी के धंधे में उतर गई हैं।'
10 वर्करों की टीम पूजा का सारा कामकाज देखती है
दुर्बार दुर्गोत्सव कमेटी की सचिव काजल बोस ने बताया-'कुछ दिन पहले खूंटी पूजा के साथ उत्तर कोलकाता के अविनाश कविराज स्ट्रीट में हमारे पंडाल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। पंडाल आठ बाई 12 फुट जगह पर बन रहा है। प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई सात फुट होगी। प्रतिमा का निर्माण सनातन पाल कर रहे हैं। 10 वर्करों की टीम पूजा का सारा कामकाज देखती है। हम 2013 से दुर्गापूजा का आयोजन करते आ रहे हैं।'