ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति के फेफड़ों व लीवर को पहली बार बंगाल से दूसरे राज्य भेजा गया
सिटी ऑफ ज्वाय ने अंगदान के मामले में पेश की एक और मिसाल मृतक के छह अंगों को किया गया है दान कई लोगों को मिलेगी नई जिंदगी
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। 'सिटी ऑफ ज्वाय' ने अंगदान के मामले में एक और मिसाल पेश की है। ब्रेन डेड घोषित किए गए एक व्यक्ति के फेफड़ों व लीवर को पहली बार बंगाल से दूसरे राज्य भेजा गया है। मृतक के कुल छह अंगों को दान किया गया है, जिससे कई लोगों को नई जिंदगी मिलेगी।
कोलकाता में इस साल अंगदान का यह चौथा मामला है और कोरोना काल में दूसरा। कुछ दिन पहले ही सड़क हादसे में मारे गए एक व्यक्ति के छह अंगों को दान किया गया था। इससे पहले जनवरी में भी दो बार अंगदान हो चुका है। इंस्टीच्यूट आफ न्यूरोसाइंसेज कोलकाता में रविवार रात सर्जरी कर मृतक के शरीर से अंगों को निकाला गया।
अस्पताल के जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल के हुगली जिले के उत्तरपाड़ा के रहने वाले पीयूषकांति घोषाल (44) की ब्रेन ट्यूमर से गत शनिवार रात मौत हो गई थी। डॉक्टरों के परामर्श पर मृतक के परिजनों ने उनके अंगों को दान करने का फैसला किया। रविवार रात 11.00 बजे मृतक के शरीर से अंगों को निकाला गया। फेफड़ों और लीवर को हैदराबाद के केआइएमएस हॉस्पिटल, किडनियों और त्वचा को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल और कोर्निया को शंकर नेत्रालय भेजा गया है।
पेशे से कारोबारी पीयूष कांति को गत बुधवार को अचानक तेज सिरदर्द शुरू हो गया था। उसी दिन स्थानीय एक डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने दवा ली, लेकिन आराम नहीं मिला। अगले दिन परिजन उन्हें लेकर इंस्टीच्यूट आफ न्यूरो साइंसेज कोलकाता पहुंचे। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में पता चला कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।
इलाज के लिए समय भी नहीं मिल पाया। पीयूष कांति उसी दिन कोमा में चले गए। शनिवार रात डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर परिजनों ने उनका अंगदान करने का फैसला किया।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा के वाशिंदा संग्राम भट्टाचार्य सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। उसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर परिजनों ने उनके अंगों को दान करने का फैसला किया था।