Human Trafficking : मानव तस्करी गिरोह फिर हुआ सक्रिय, गरीब लड़कियों को बनाते हैं शिकार
Human Trafficking भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए गरीब व अनपढ़ लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर भारत लाकर यहां जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया जाता है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए मानव तस्करी गिरोह एक बार फिर सक्रिय हो गया है। यह गिरोह खासकर बांग्लादेश की गरीब व भोली-भाली लड़कियों को भारत में नौकरी का झांसा देकर अवैध रूप से सीमा पार करा कर लाता है और फिर यहां उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देता है। बीएसएफ ने हाल के दिनों में करीब एक दर्जन बांग्लादेशी लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है, इनमें से कई को मुंबई भेजने की योजना थी।
दरअसल, कोरोना संकट के मद्देनजर लाकडाउन के कारण कुछ महीने तक यह धंधा ठप पड़ गया था, लेकिन अनलॉक के बाद फिर से लड़कियों की तस्करी की घटनाएं बढ़ गई है। मानव तस्करों के लिए दक्षिण बंगाल बॉर्डर का इलाका हमेशा से सबसे मुफीद रहा है। इनमें बंगाल के सीमावर्ती उत्तर 24 परगना व नदिया जिले से होकर सबसे ज्यादा तस्करी की जाती है, क्योंकि इस इलाके से सीमा पार करना सबसे ज्यादा आसान है। यहां बड़े इलाके में अब तक सीमा पर बाड़ नहीं लगी है, जिसका तस्कर फायदा उठाते हैं।
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार बॉर्डर पर दोनों तरफ मानव तस्करी में शामिल दलाल बड़ी संख्या में सक्रिय हैं। साथ ही कोलकाता, मुंबई, दिल्ली सहित कई शहरों में इनके लोग बैठे हैं जिनके साथ इनकी मिलीभगत है। उनके मुताबिक अब जैसे-जैसे लॉकडाउनन खुल रहा है ये लोग धीरे-धीरे लड़कियों को सीमा पार कराने की कोशिश कर रहे हैं। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक अधिकारी ने बताया कि हाल में हमने उत्तर 24 परगना के हकीमपुर सीमा चौकी इलाके से मानव तस्करी में शामिल एक महिला दलाल को भी पकड़ा है जो पिछले 11 वर्षों से मुंबई में रह रही थी। वह और उसका पति 10 वर्षों से तस्करी में लिप्त था और बांग्लादेश से जवान लड़कियों को यहां मंगा कर मुंबई व अन्य शहरों में जिस्मफरोशी में धकेल देती थी। इस महिला के भारत व बांग्लादेश में कई दलालों के साथ संपर्क का पता चला।
भोली- भाली लड़कियों को ऐसे देते हैं झांसा
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर मामलों में देखा गया है कि मानव तस्करी में शामिल गिरोह बांग्लादेश की भोली भाली, गरीब और अनपढ़ लड़कियों को ब्यूटी पार्लर, बार डांसर, घर में नौकरानी का काम, किसी होटल में काम आदि में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें यह भारत के बड़े-बड़े शहरों जैसे कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु में ले जाकर जिस्मफरोशी के धंधे में फंसा देते हैं।एक बार इसमें फंसने के बाद उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है।
अधिकारी के मुताबिक, इस दलदल में फंसने के बाद कई बार यही लड़कियां इस गिरोह का हिस्सा बन जाती है। फिर वह अपने इलाके, गांव व रिश्तेदार की लड़कियों को प्रलोभन देकर लाती है और उसे इस काम में फंसा देती है। इसके लिए उसे पैसा मिलता है। इस काम में बॉर्डर के दोनों तरफ जो दलाल हैं वह लड़कियों को सीमा पार कराने में उनकी मदद करते हैं।
पुलिस की भी है मिलीभगत
बीएसएफ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब तक पुलिस व स्थानीय प्रशासन का सहयोग नहीं मिलेगा इसे रोक पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि कई बार पुलिस हमारा साथ नहीं देती है। खासकर उत्तर 24 परगना जिले में सबसे ज्यादा समस्या आती है जब पुलिस एफआइआर भी दर्ज नहीं करतीं रहती है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ का काम अवैध रूप से सीमा पार करते व इसमें उनकी मदद करने वाले लोगों को पकड़कर पुलिस को सौंपना है लेकिन ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि पुलिस कार्रवाई नहीं करती। सूत्रों ने कहा कि इस नेटवर्क में शामिल लोगों के साथ पुलिस की मिलीभगत है जिसके कारण वे सफल हो जाते हैं।