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मध्य प्रदेश से सब्जियां और फल लेकर बंगाल के हावड़ा पहुंची पहली किसान रेल, बेसब्री से इंतजार कर रहे थे व्यापारी

किसानों की सुविधा के लिए छिंदवाड़ा से हावड़ा के बीच शुरू की गई है किसान रेल सेवा। फल व सब्जियां लेकर बुधवार सुबह 5 बजे छिंदवाड़ा से चली यह ट्रेन महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ व झारखंड होते हुए समय से 20 मिनट पहले ही गुरुवार सुबह 1140 बजे हावड़ा स्टेशन पहुंच गई।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:25 PM (IST)
आरपीएफ की निगरानी में सब्जियों व फल सहित अन्य खाद्य सामग्री ट्रेन से उतारी गई।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से बंगाल के हावड़ा के बीच शुरू की गई पहली किसान रेल गुरुवार को यहां पहुंची। फल व सब्जियां लेकर बुधवार सुबह 5 बजे छिंदवाड़ा से चली यह ट्रेन महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व झारखंड होते हुए अपने समय से करीब 20 मिनट पहले ही गुरुवार सुबह करीब 11:40 बजे हावड़ा स्टेशन पहुंच गई। 

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यहां स्टेशन पर व्यापारी बेसब्री से इस ट्रेन के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। आरपीएफ की निगरानी में सब्जियों व फल सहित अन्य खाद्य सामग्री ट्रेन से उतारी गई। इसके बाद वहां मौजूद व्यापारी के एजेंट वाहनों में फल व सब्जियों को उठाकर सीधे मंडियों की तरफ रवाना हो गए। 

इधर, पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) निखिल चक्रवर्ती ने बताया कि पहली बार हावड़ा पहुंची इस किसान रेल से पपीता, अंगूर, संतरा सहित हरी मिर्च व अन्य सब्जियां यहां लाई गई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम में ही यह ट्रेन वापस छिंदवाड़ा के लिए रवाना हो गई। 

चक्रवर्ती ने बताया कि किसान रेल की कई खूबियां हैं। इस ट्रेन की मदद से सभी छोटे-बड़े किसान और व्यापारी देश के एक कोने से दूसरे कोने तक बहुत कम समय में ताजा फल और सब्जियां सहित जल्द खराब होने वाली खाद्य सामग्रियों को भेज सकेंगे। 

फल और सब्जियों की ढुलाई के लिए उन्हें मालभाड़ा में भी 50 फीसद की छूट दी जाएगी, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।यह साप्ताहिक ट्रेन प्रत्येक बुधवार को छिंदवाड़ा से चलेगी।  

गुरुवार को हावड़ा पहुंचकर उसी दिन वापस रवाना हो जाएगी। गौरतलब है कि देश में पहली किसान रेल इस साल 7 अगस्त को महाराष्ट्र के नासिक जिले के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच शुरू की गई थी।


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