West Bengal :तीन माह बाद भक्तों के लिए खुला हुगली का प्रसिद्ध तारकेश्वर मंदिर
बंगाल में प्रसिद्ध कालीघाट दक्षिणेश्वर तथा तारापीठ मंदिर के बाद अब बुधवार को हुगली जिले के तारकेश्वर स्थित बाबा तारक नाथ के मंदिर का पट भी भक्तों के लिए खोल दिया गया।
कोलकता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में प्रसिद्ध कालीघाट, दक्षिणेश्वर तथा तारापीठ मंदिर के बाद अब बुधवार को हुगली जिले के तारकेश्वर स्थित बाबा तारक नाथ के मंदिर का पट भी भक्तों के लिए खोल दिया गया। कोरोना संकट के चलते पिछले तीन महीने से बाबा के दर्शन का इंतजार कर रहे भक्तों को फिलहाल मंदिर परिसर में ही जाने की अनुमति दी गई है। अभी मंदिर के गर्भ गृह में भक्तों के जाने पर रोक है।
मालूम हो कि कोरोना महामारी के चलते सरकारी निर्देशिका को मानते हुए मंदिर कमेटी ने 25 मार्च से तारकेश्वर मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दिया था। बुधवार की सुबह साढ़े आठ बजे सुरक्षा व्यवस्था के साथ शक्ति लिंग के नाम से प्रचलित बाबा तारक नाथ के मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खोला गया। मुंह में मास्क तथा सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद ही मंदिर परिसर में भक्तों को प्रदेश करने की अनुमति दी गई है।
बाबा के गर्भ गृह से मंदिर परिसर के बीच एक चोंगा लगाया गया है। मंदिर में प्रदेश करने वाले श्रद्धालु इसी चोंगा के माध्यम से बाबा का जलाभिषेक कर पायेंगे। सुबह साढ़े आठ से सुबह साढ़े नौ बजे तक ही मात्र एक घंटा भक्तों के लिए मंदिर का द्वार खुला रहेगा। मंदिर के अन्दर शारीरिक दूरी बनाकर लोग बाबा तारक नाथ का दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर में विशेष रूप से नजरदारी रखी जा रही है।
तारकेश्वर की प्राचीन बाबा तारक नाथ के मंदिर खोले जाने से भक्तों में ख़ुशी देखी जा रही हैं। भक्तों का कहना है कि तीन महीने से मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाने के चलते हमलोग बाबा का एक झलक पाने के लिए लालायित थे। आज बाबा तारक नाथ का दर्शन करके अच्छा लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले हाल में कोलकता के कालीघाट मंदिर, दक्षिणेश्वर मंदिर तथा मंगलवार से बीरभूम के रामपुरहाट स्थित तारापीठ मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है।