आतंकी निशाने पर थे कोलकाता समेत देश के 13 ब्लॉगर
आतंकियों ने बताया है कि वह कोलकाता में मॉड्यूल तैयार कर ब्लॉग लेखकों की हत्या की योजना को सफल करने में जुटे थे।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। गत मंगलवार को कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथों गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों शमशाद उर्फ तनवीर व रियाज से पूछताछ में आतंक के नए-नए राज खुल रहे हैं।
दोनों ने खुलासा किया है कि इन्होंने बांग्लादेश व भारत के जिन 84 ब्लॉग लेखकों की हत्या की योजना बनाई थी, उनमें से कोलकाता समेत भारत में रहने वाले 13 लोग शामिल हैं। पूछताछ में इन लोगों ने बताया है कि कोलकाता में मॉड्यूल तैयार कर दोनों देशों में ब्लॉग लेखकों की हत्या की योजना को सफल करने में ये लोग जुटे थे।
आतंक के मेजर से इंटरनेट कॉलिंग से करते थे बात
-इन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि ये लोग अंसर बांग्ला आतंकवादी संगठन के मेजर जिया से इंटरनेट कॉलिंग के जरिए रोज ही बात करते थे। अति इंक्रिप्टेड एप के माध्यम से दुनियाभर के सारे आतंकी एक साथ ऑनलाइन होते थे व योजनाओं को लेकर रणनीति बनाते थे।
जो ऑनलाइन नहीं उसे मानते थे गिरफ्तार
इन लोगों ने बताया है कि मेजर जिया के साथ बातचीत के लिए एक समय तय रहता था। उस समय सारे लोग ऑनलाइन आते थे और जो गैरहाजिर रहता था उसके बारे में माना जाता था कि वह सुरक्षा एजेंसियों की जाल में फंस गया है। इसके बाद उससे जुड़े अन्य आतंकी सतर्क हो जाते थे।
छात्रों व नौकरीपेशा लोगों के साथ रहने का था निर्देश
अलकायदा के इन आतंकियों को इनके मेजर जिया ने सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए विशेष रणनीति बताई थी। इन्हें निर्देश दिया था कि ये विशेषकर छात्रावासों या नौकरीपेशा करने वाले लोगों के साथ ही किराए पर रहें क्योंकि ऐसे लोगों पर पुलिस की नजर कम रहती है। साथ ही इन्हें हमेशा ही किताबें लेकर चलने को कहा जाता था ताकि कभी पुलिस पकड़ती भी है तो छात्र बनकर आसानी से पीछा छुड़ाया जा सके।
मकान मालिक से करते थे मृदु व्यवहार
दोनों आतंकियों ने बताया है कि इन्हें विशेष तौर पर निर्देश दिया गया था कि वे मकान मालिकों से मृदु व्यवहार रखें ताकि किसी तरह की कभी कोई लड़ाई ना हो और पुलिस का चक्कर ना पड़े।
कोलकाता में हैं और भी सहयोगी
दोनों आतंकियों से पूछताछ व शहादत की गिरफ्तारी के बाद एक बात और साफ हुई है कि महानगर कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में इनके और भी सहयोगी मौजूद है। फिलहाल एसीटएफ और एनआइए की टीम इन लोगों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके और कितने साथी यहां मौजूद है।