बंगाल सरकार और राजभवन के टकराव के बीच राज्यपाल जगदीप धनकड़ से मिले सुवेंदु अधिकारी, विभिन्न मसलों पर की चर्चा
बंगाल सरकार और राजभवन के बीच विभिन्न मुद्दों पर जारी टकराव के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता व नंदीग्राम से भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार शाम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल व सुवेंदु के बीच विभिन्न मसलों पर चर्चा हुई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार और राजभवन के बीच विभिन्न मुद्दों पर जारी टकराव के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता व नंदीग्राम से भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार शाम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। राजभवन में हुई इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल व सुवेंदु के बीच विभिन्न मसलों पर चर्चा हुई। राज्यपाल धनखड़ ने खुद ट्वीट करके मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए इसकी जानकारी दी। राज्यपाल की ओर से बताया गया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुलाकात के दौरान ममता सरकार से जुड़े विभिन्न मसलों पर चर्चा की।
हालांकि इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया कि आखिर इस दौरान किन- किन मुद्दों पर बात हुई। गौरतलब है कि राज्यपाल और ममता सरकार के विभिन्न मुद्दों पर टकराव जारी है।अभी हाल में राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों को शपथ दिलाने का अधिकार भी वापस ले लिया था। राज्यपाल ने खुद विधानसभा में जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत तीन नवनिर्वाचित सदस्यों को विधायक पद की शपथ दिलाई थीं। बंगाल विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार था जब राज्यपाल ने खुद नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाईं।
मुख्यमंत्री व राज्यपाल हैं आमने सामने
वहीं, अब मुख्य सचिव को तलब करने को लेकर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर आमने- सामने हैं। हालांकि इस बार मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का रवैया काफी तल्ख है और उन्होंने शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में यह स्पष्ट संदेश दिया है कि मुख्य मुख्यमंत्री को बताए बिना राजभवन राज्य प्रशासन के किसी भी अधिकारी को तलब नहीं कर सकता है।
दरअसल राज्यपाल ने मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को कोरोना से संबंधित जानकारियों के लिए तलब किया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उन्होंने शीघ्र ही समन का पालन नहीं किया तो इसके लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जवाब में मुख्यमंत्री ने खुद राज्यपाल को एक पत्र लिखकर कहा कि राज्य प्रशासन के अधिकारियों को इस तरह से तलब करना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। वह चाहें तो मुख्यमंत्री से कुछ भी पूछ सकते हैं। मुख्यमंत्री किसी भी अधिकारी को निर्णय के साथ राज्यपाल के पास भेज सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि राज्यपाल के सम्मान की रक्षा के लिए राज्य प्रशासन के अधिकारी महीने में एक बार उनसे मिलने जा सकते हैं।