Move to Jagran APP

सुंदरवन में 'बैक्टीरियोप्लैंक्टन' के जल संपदा पर प्रभाव पर अध्ययन

सुंदरवन में बदलने लगा है ताजे जल का प्रवाह, मुहाना प्रणाली से सामुद्रिक प्रणाली में परिवर्तित हो रहा सागर द्वीप समूह।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 11:01 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 11:19 AM (IST)
सुंदरवन में 'बैक्टीरियोप्लैंक्टन' के जल संपदा पर प्रभाव पर अध्ययन

जागरण संवाददाता, कोलकाता। इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइआइएसइआर) के वैज्ञानिक सुंदरवन में 'बैक्टीरियोप्लैंक्टन' के जल संपदा पर प्रभाव पर अध्ययन कर रहे हैं।

loksabha election banner

गौरतलब है कि बैक्टीरियोप्लैंक्टन प्लैंक्टन का बैक्टीरियल अवयव है, जो जल निकायों में पाया जाता है। वैज्ञानिक अध्ययन में जुटे हैं कि विश्व के सबसे बड़े डेल्टा क्षेत्र के जलीय तंत्र पर बैक्टीरियोप्लैंक्टन का किस तरह से प्रभाव पड़ रहा है। बैक्टीरियोप्लैंक्टन जलीय तंत्र में कार्बन की साइक्लिंग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

वैज्ञानिक पता लगाने में जुटे हैं कि बैक्टीरियोप्लैंक्टन किस तरह से कार्बन का इस्तेमाल करते हैं। आइआइएसइआर के सेंटर ऑफ क्लाइमेट एंड एन्वायर्नमेंट स्टडीज के पुण्यश्लोक भादुड़ी ने बताया कि कार्बन साइक्लिंग जैसी अवयवी साइक्लिंग को समझना किसी भी जलीय तंत्र के स्वास्थ्य के बारे में जानने का अच्छा तरीका है।

उन्होंने आगे कहा कि प्राथमिक अध्ययन के आधार पर मानना है कि सुंदरवन (सागर) में ताजे जल का प्रवाह अब बदलने लगा है। सुंदरवन के भारतीय छोर पर स्थित द्वीप समूह तकरीब 90 फीसद जलीय जीव-जंतुओं को पोषण प्रदान करते हैं। अध्ययन में पता चला है कि सागर द्वीप समूह अब मुहाना प्रणाली से सामुद्रिक प्रणाली में परिवर्तित हो रहा है। सुंदरवन के सभी सात मुहाने एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं, जिससे जटिलता उत्पन्न होती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ताजा जल के प्रवाह को जानना जरुरी है क्योंकि डेल्टा इसे लेकर उच्च रूप से संवेदनशील होते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.