राज्य सरकार ने 50 लाख से अधिक बच्चों को दिए मुफ्त स्कूल बैग, जूते और यूनिफॉर्म
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इस साल स्कूल शिक्षा के लिए किए गए कार्यों का ब्यौरा जारी किया गया है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इस साल स्कूल शिक्षा के लिए किए गए कार्यों का ब्यौरा जारी किया गया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सत्ता पर आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही बच्चों को मुफ्त में किताबें, स्कूल यूनिफॉर्म, जूते, बैग और अन्य जरूरत की चीजें देना शुरू किया था। केवल 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग ने 57 लाख बच्चों को स्कूल बैग दिया है। ये बैग पांचवी से लेकर आठवीं तक के बच्चों को दिया गया है। इसके अलावा पहली क्लास से लेकर आठवीं क्लास तक के करीब 50.32 लाख बच्चों को स्कूल जाने के लिए जूते दिए गए हैं। अभी और अधिक बच्चों को जूते दिए जाएंगे।
इसके अलावा पहली कक्षा से आठवीं तक के सभी बच्चों स्कूल यूनिफार्म के लिए रुपये दिए गए हैं ताकि बच्चों के शरीर के आकार का कपड़ा सिलवाला जा सके। इसके साथ ही पांचवी से लेकर आठवीं तक के प्रत्येक बच्चे को पाठ्यक्रम की कम से कम तीन किताबें मुफ्त में दी गई हैं। नौवीं से दसवीं तक के बच्चों को चार और 10वीं से 12वीं तक के बच्चों को पांच किताबें मुफ्त में दी गई है। अभी तक 97.73 लाख छात्रों को 340.3 लाख पाठ्यक्रम की किताबें वितरित की गई हैं।
उक्त अधिकारी ने बताया कि पहली से लेकर 12वीं क्लास तक करीब 389 पाठ्यक्रमों वाली 9.5 करोड किताबें बच्चों में वितरित की जाती हैं ताकि अधिक से अधिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। दिव्यांग बच्चों के लिए भी पश्चिम बंगाल सरकार ने ब्रेल लिपि में तैयार की गई किताबें वितरित की है। इसके अलावा 2011 से लेकर मार्च 2018 तक राज्य सरकार ने 67 मॉडल स्कूल बनाने की अनुमति दी है जिसमें से 54 स्कूल बनकर तैयार हो चुके हैं और 51 में पठन-पाठन भी शुरू हो चुका है।
इसके अलावा दसवीं श्रेणी में 75 प्रतिशत से अधिक नंबर लाने वाले उन सभी छात्रों को पश्चिम बंगाल सरकार ने विवेकानंद मेरिट छात्रवृत्ति योजना के तहत ₹12000 प्रति वर्ष देने की शुरुआत की है जिनके परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख से कम है। वित्त वर्ष 2017-18 में 87685 छात्रों को विवेकानंद मेधा छात्रवृत्ति दी है।