आरटीआइएस से लैस हुए दक्षिण पूर्व रेलवे के 288 लोकोमोटिव
-उपग्रह से मिलेगी सेक्शन में चलने वाली ट्रेन की स्थिति और गति की सटीक जानकारी -मैन्युअल क
-उपग्रह से मिलेगी सेक्शन में चलने वाली ट्रेन की स्थिति और गति की सटीक जानकारी
-मैन्युअल की बजाए अब ऑटोमेटिक होगी ट्रेन कंट्रोल चार्टिग, सुरक्षित व समय पर होगा ट्रेनों का संचालन
-यात्रियों को मिलेगी ट्रेन के प्रस्थान और आगमन की सही सूचना जागरण संवाददाता, कोलकाता : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के सहयोग से सेंटर ऑफ रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम की ओर से शुरू हुए रियल टाइम ट्रेन इंफोरमेशन सिस्टम (आरटीआइएस) प्रोजेक्ट रेलवे के लिए मददगार तो साबित होगी ही, साथ ही यात्रियों को भी इसका लाभ मिलेगा। अभी तक ट्रेन के समय को लेकर संशय में रहने वाले यात्रियों को अब ट्रेन के प्रस्थान और आगमन की सटीक जानकारी मिलेगी। उपग्रह से संचालित आरटीआइएस डिवाइस के जरिए रेलवे कंट्रोल को भी ट्रेन रनिंग की स्थिति, गति और समय की जानकारी मिलेगी। इस योजना के तहत वर्तमान में दक्षिण पूर्व रेलवे के 288 लोकोमोटिव (इंजन) में आरटीआइएस डिवाइस से लैस किया गया है।
जानकारी के अनुसार दक्षिण पूर्व रेलवे में आरटीआइएस प्रोजेक्ट के तहत 288 कोचिंग व गुड्स लोकोमोटिव में जीपीएस एडेड नेविगेशन प्रणाली स्थापित किया गया है, जो पटरी पर दौड़ती ट्रेन पर निगरानी के साथ ही वास्तविक समय के डाटा को भी एकत्र करेगी। इसके बाद आरटीआइएस डिवाइस अपने आप ही ट्रेन कंट्रोल चार्ट (कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन सिस्टम) को अपडेट कर देगा। इससे मिड सेक्शन में ट्रेन की वास्तविक स्थिति, प्रस्थान और आगमन का समय, थ्रू ट्रेन की स्थिति, स्पीड आदि से कंट्रोल में कार्यरत कर्मचारी अवगत हो जाएंगे। लोको पायलट से नियंत्रण कक्ष को आपातकालीन संदेश भी आसानी से मिल जाएगा। जीपीएस आधारित डिवाइस को सक्रिय करने के लिए ट्रेन के प्रस्थान के वक्त चालक को एक बार ट्रेन नंबर और समय डालना पड़ेगा। इसके बाद वह ऑटोमेटिक ही अपडेट होता चला जाएगा। इस योजना से रेलवे को सुरक्षित और समय पर ट्रेन चलाने के लिए मदद मिलेगी। साथ ही यात्रियों को भी अब ट्रेन की स्थिति को लेकर भ्रम में नहीं रहना पड़ेगा। आरटीआइएस से यात्रियों को ट्रेन के आने जाने एवं बीच रास्ते चलने वाली ट्रेन की स्थिति की सही जानकारी मिल जाएगी। इससे यात्रियों को ट्रेन के लिए घंटों प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।
इस बाबत दपूरे के सीपीआरओ संजय घोष ने बताया कि आरटीआइएस के शुरू होने से पहले कंट्रोल चार्टिग को हाथ से किया जाता था लेकिन अब यह ऑटोमेटिक हो गया है। इससे अब मिस कंट्रोलिंग की वजह से ट्रेन रास्ते में नहीं रुकेगी। आरटीआइएस से ट्रेन ऑपरेशन में तो मदद मिलेगी ही, यात्रियों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा।