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Gangasagar Mela 2022: भारत के खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने पर 15 राष्ट्र एक साल के अंदर यही कदम उठाएंगे: शंकराचार्य

Gangasagar Mela 2022 मकर संक्रांति पर गंगासागर में शाही स्नान करने आए शंकराचार्य ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दावा किया कि भारत के खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने पर 15 राष्ट्र एक साल के अंदर यही कदम उठाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 04:26 PM (IST)
Gangasagar Mela 2022: भारत के खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने पर 15 राष्ट्र एक साल के अंदर यही कदम उठाएंगे: शंकराचार्य
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती। फोटो जागरण

जागरण संवाददाता, गंगासागर। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दावा किया कि भारत के खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने पर 15 राष्ट्र एक साल के अंदर यही कदम उठाएंगे। मकर संक्रांति पर गंगासागर में शाही स्नान करने आए शंकराचार्य ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा-'मेरी 52 देशों के उघ्च प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत हुई है। बातचीत में मारीशस, नेपाल, भूटान समेत 15 देशों के प्रतिनिधियों ने इच्छा जताते हुए कहा कि भारत अगर खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देगा तो इससे प्रेरणा लेकर वे भी अपने राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की दिशा में कदम उठाएंगे।' बांग्लादेश में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़े जाने पर शंकराचार्य ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा-'जब भारत में अल्पसंख्यक आराम से रह सकते हैं तो बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित क्यों नहीं रह सकते? बांग्लादेश भारत से ही तो टूटकर बना है। हिंदू देवी-देवताओं का विश्व में कहीं भी अपमान को सहन नहीं किया जा सकता।'

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शंकराचार्य बोले, चीन के हाथों का यंत्र बनता जा रहा है नेपाल

शंकराचार्य ने कहा-'नेपाल चीन के अधीन हो गया है। वह उसके हाथों का यंत्र बनता जा रहा है। इस मामले में हमारी विदेश नीति कमजोर साबित हुई है।' कोरोना के साए में गंगासागर मेले के आयोजन पर शंकराचार्य ने कहा- 'कोरोना के दौर में ही विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे और आगे भी होने जा रहे हैं। जब कोई राजनीतिक कार्यक्रम होता है तो राजनेताओं को कोरोना के दर्शन नहीं होते लेकिन धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होने पर कोरोना की बात उठने लगती है।' शंकराचार्य ने कहा कि तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थलों में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए। तपोभूमि को भोग भूमि का रूप देना सही नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुंभ की तरह गंगासागर मेले में भी आना चाहिए, इसका परोक्ष तौर पर जवाब देते हुए शंकराचार्य ने कहा-'पीएम चाहे तो मेरा अनुसरण कर सकते हैंं।'

गौरतलब है कि शंकराचार्य पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से लगातार मकर संक्रांति पर गंगासागर आ रहे हैं। शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से साथ मिलकर गंगासागर मेले को विश्व स्तर का तीर्थ स्थल घोषित करने का आह्वान किया। गंगासागर मेले को अब तक राष्ट्रीय मेला घोषित नहीं किए जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय मेला न सही, यह राष्ट्रीय पर्व तो है। शंकराचार्य अपने अनुयायियों के साथ शुक्रवार प्रात: गंगासागर में शाही स्नान करेंगे। 


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